पहलगाम के गुनहगारों पर कहर बनकर टूट पड़े सुरक्षाबल, अब तक 7 आतंकियों के घरों को उड़ाया
पुलवामा के मुर्रन क्षेत्र में आतंकी अहसन उल हक का घर विस्फोट से उड़ाया गया। अहसन ने 2018 में पाकिस्तान में आतंकी प्रशिक्षण लिया था और हाल ही में घाटी में फिर से सक्रिय हुआ था।

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद सुरक्षाबलों ने शुक्रवार रात को बड़ी कार्रवाई करते हुए लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े सात आतंकियों के घरों को ध्वस्त कर दिया है। यह अभियान दक्षिण कश्मीर के शोपियां, कुलगाम और पुलवामा जिलों में चलाया गया। शोपियां के छोटीपोरा गांव में लश्कर कमांडर शाहिद अहमद कुट्टे का घर मलबे में तब्दील कर दिया गया। अधिकारियों के मुताबिक, कुट्टे पिछले 3-4 वर्षों से आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय था और कई हमलों का समन्वयक रहा है। वहीं, कुलगाम के मतलाम इलाके में सक्रिय आतंकी जाहिद अहमद का घर भी ढहा दिया गया।
पुलवामा के मुर्रन क्षेत्र में आतंकी अहसन उल हक का घर विस्फोट से उड़ाया गया। अहसन ने 2018 में पाकिस्तान में आतंकी प्रशिक्षण लिया था और हाल ही में घाटी में फिर से सक्रिय हुआ था। इसके अलावा, लश्कर आतंकी एहसान अहमद शेख का दो मंजिला मकान भी ध्वस्त कर दिया गया, जो जून 2023 से सक्रिय है। हैरिस अहमद के घर को भी उड़ा दिया गया। वह 2023 से आतंक में लिप्त है। पुलवामा के कचिपोरा स्थित घर को विस्फोट से उड़ाया गया।
इससे पहले गुरुवार रात को पहलगाम हमले में शामिल अदिल हुसैन और आसिफ शेख के घर भी विस्फोट से नष्ट किए गए। जानकारी के अनुसार, इनके घरों में विस्फोटक सामग्री भी रखी गई थी।
आपको बता दें कि अनंतनाग पुलिस ने गुरुवार को तीन आतंकियों के स्केच जारी किए थे। तीनों आतंकियों की सूचना देने वाले को 20 लाख के इनाम की घोषणा की गई है।
घटना के दिन पहलगाम के "मिनी स्विट्ज़रलैंड" में अचानक गोलियों की बौछार शुरू हो गई। पर्यटक जान बचाने के लिए इधर-उधर भागे, लेकिन खुले मैदान में छुपने की कोई जगह नहीं थी। इस हमले में एक नेपाली नागरिक समेत 26 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद कार्रवाई करते हुए भारत सरकार ने पाकिस्तान पर आतंकवाद के समर्थन का आरोप लगाते हुए सिंधु जल संधि निलंबित कर दी है और पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को निष्कासित कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि, “हर एक आतंकी और उनके मददगारों को ढूंढकर सजा दी जाएगी।”
पहलगाम आतंकवादी घटना के बाद सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पूरे क्षेत्र में बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है और आतंकियों की तलाश तेज कर दी गई है।