पहलगाम हमले पर सत्यपाल मलिक की बात को पाकिस्तान ने बनाया हथियार, संसद में जिक्र
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की ओर से पहलगाम हमले पर की गई टिप्पणियों को पाकिस्तान में हथियार बनाने की कोशिश की गई है।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की ओर से पहलगाम हमले पर की गई टिप्पणियों को पाकिस्तान में हथियार बनाने की कोशिश की गई है। पाकिस्तान की एक सांसद शाजिया मर्री ने नेशनल असेंबली में सत्यपाल मलिक के ताजा इंटरव्यू का जिक्र करते हुए भारत पर निशाना साधा। शाजिया पाकिस्तान की पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से बुलाए गए संसद के विशेष सत्र में शाजिया ने पाकिस्तान के बचाव और भारत सरकार पर आरोप लगाने के लिए सत्यपाल मलिक का सहारा लिया। शाजिया ने कहा, 'भारत में लोग कह रहे हैं कि सुरक्षा में चूक है। जम्मू-कश्मीर में तैनात 7 लाख सैनिक कहां थे उस दिन? उनके अपने लोग सवाल उठा रहे हैं। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि यह तो बहुत सुरक्षित इलाका है। यहां तो फौज होनी चाहिए थी, पुलिस होनी चाहिए थी। एक अहलकार (कर्मचारी) नहीं था। भारतीय पत्रकार को दिए इंटरव्यू में कहा है कि शर्म आनी चाहिए मोदी को और माफी मांगनी चाहिए मोदी को, सुरक्षा में लापरवाही के लिए।'
शाजिया ने कहा कि ये आवाजें भारत में उठ रही हैं। उन आवाजों,सवालों को दबाने के लिए मानवाधिकारों के उल्लंघन से ध्यान भटकाने के लिए उस शख्स (मोदी) ने पाकिस्तान पर बगैर किसी सबूत इल्जाम लगया, जिसकी हम मजम्मत करते हैं। ऑपरेशन सिंदूर से एक दिन पहले ही सत्यपाल मलिक ने द वायर को दिए इंटरव्यू में मोदी सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए थे। उन्होंने पीएम पर व्यक्तिगत हमले करते हुए उन्हें 'डरपोक' तक कह दिया था।
क्या कहा सत्यपाल मलिक ने?
सत्यपाल मलिक ने सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा, ‘ये तो बहुत बेशर्मी कर रहे हैं। लोगों को बहका रहे हैं। मुल्क से माफी मांगनी चाहिए। इनको कहना चाहिए था कि हमारी गलती है। इतनी बड़ी चूक है, एक सिपाही नहीं था। वह कश्मीर का सबसे पॉप्युलर स्पॉट है। वहां 2 हजार आदमी हर वक्त रहता है। मुझे जानकारी मिली है कि इनके पास इनपुट थे, फिर भी कुछ नहीं किया। प्रधानमंत्री को माफी मांगनी चाहिए, वह मांगेंगे तब लगेगा कि माफी मांगी गई।’
हालांकि, ऑपरेशन सिंदूर के बाद सत्यपाल मलिक ने भारतीय सेना के शौर्य की तारीफ करते हुए केंद्र सरकार के साथ एकजुटता जाहिर की। कई सालों तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक पद से हटने के बाद से मोदी सरकार के कट्टर आलोचक हैं। वह तमाम विषयों पर सरकार की तीखी आलोचना करते हैं और कई बार व्यक्तिगत हमलों से भी बाज नहीं आते।