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बृजभूषण की जगह लेना चाहती थीं बबीता फोगाट, BJP नेताओं ने ही करवाया प्रदर्शन; साक्षी मलिक का दावा

ओलंपिक रेसलर साक्षी मलिक ने दावा किया है कि उन्हें बबीता फोगाट और अन्य बीजेपी नेता ने ही बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए उकसाया था। बबीता खुद WFI की अध्यक्ष बनना चाहती थीं।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानTue, 22 Oct 2024 06:54 AM
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ओलंपिक रेसलर साक्षी मलिक ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि बीजेपी नेता बबीता फोगाट ने ही खिलाड़ियों को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए उकसाया था। उन्होंने कहा कि बबीता बृजभूषण को हटाकर खुद भारतीय कुश्ती संघ (WFI) की अध्यक्ष बनना चाहती थीं।

इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में मलिक ने कहा कि बबीता ने कई पहलवानों के साथ एक मीटिंग रखी थी। इसके बाद उन्होंने निवेदन किया कि फेडरेशन में चल रही कथित गड़बड़ियों के खिलाफ प्रदर्शन होना चाहिए। साक्षी मलिक ने कहा, बबीता फोगाट का अपना अलग अजेंडा था इसलिए उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए हमें उकसाया। वह खुद WFI की अध्यक्ष बनना चाहती थीं।

उन्होंने कहा, अफवाहें हैं कि कांग्रेस ने इस विरोध प्रदर्शन के लिए हमारा समर्थन किया। लेकिन यह सब झूठ है। दो बीजेपी नेताओं ने ही हरियाणा में विरोध प्रदर्शन के लिए हमें अनुमति दिलाने में मदद की। उसमें बबीता फोगाट और तीरथ राणा का नाम है। बता दें कि पूर्व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर पिछले साल महिला खिलाड़ियों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। उनके खिलाफ जांच की मांग लेकर महिला खिलाड़ियों ने कई दिनों तक धरना दिया।

मलिक ने यह भी कहा कि यह आंदोलन पूरी तरह फोगाट के कहने पर ही नहीं था। यह केवल उनकी सलाह के बाद शुरू हुआ। उन्होंने कहा, विरोध प्रदर्शन आंख मूंदकर नहीं शुरू किया गया था। हमें भी फेडरेशन के अंदर यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ की जानकारी थी। वहीं मुझे भी यही लगता था कि अगर फेडरेशन की चीफ एक महिला खिलाड़ी होगी तो इससे काफी बदलाव आएगा। हमें विश्वास था कि वह हमारे संघर्ष को समझेंगी। लेकिन हमें नहीं पता था कि वह इस तरह का खेल हमारे साथ ही खेलेंगी।

उन्होंने कहा, हमें लगा था कि वह भी हमारे साथ इस प्रदर्शन में बैठेंगी और आवाज उठाएंगी। साक्षी मलिक ने बृजभूषण को लेकर भी कहा कि बृजभूषण कहते थे कि जो उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं वे खत्म चुके हैं। लेकिन हरियाणा विधानसभा चुनाव में विनेश फोगाट की सफलता से पता चलता है कि बृजभूषण के दावे गलत थे। इसके अलावा विनेश ओलंपिक में गई और एक मजबूत विरोधी के सामने भी हारीं नहीं। अगर विरोध खत्म ही हो गया होता तो विनेश फोगाट को ओलंपिक में कौन हिस्सा लेने देता?

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