Hindi Newsदेश न्यूज़Rs 782 crore was given to ineligible beneficiaries under Kalia Yojana of Naveen Patnaik govt says CAG

कालिया योजना में 782 करोड़ अवैध लोगों ने खा लिया, नवीन पटनायक की स्कीम पर सवाल

  • नवीन पटनायक की सरकार की कालिया योजना पर बड़े सवाल उठे हैं। भारत के CAG की एक रिपोर्ट के मुताबिक 782 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का फायदा अवैध लोगों को मिल गया।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तान, भुवनेश्वरThu, 12 Sep 2024 07:02 AM
share Share

नवीन पटनायक सरकार की किसानों के लिए शुरू की गई कालिया स्कीम में धांधली की खबरें सामने आई है। 2019 से 2021 के बीच नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजू जनता दल की सरकार में 12.72 लाख से अधिक फर्जी किसानों ने अवैध रूप से इस योजना का लाभ उठाया है। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने बुधवार को विधानसभा में रखी गई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस योजना के तहत किसानों को वार्षिक नकद सहायता देने के आड़ में 782.26 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है।

केंद्र और राज्य सरकारों के खर्चों को ऑडिट करने वाली संस्था CAG ने विधानसभा चुनावों से पहले जनवरी 2019 में नवीन पटनायक सरकार द्वारा शुरू की गई “कृषक एसिस्टेंस फॉर लाइवलीहुड एंड ऑग्मेंटेशन (कालिया) योजना” का ऑडिट किया। इसमें पाया गया कि 65.64 लाख लाभार्थियों को पहले साल 10,000 रुपये और उसके बाद 2019-21 के दौरान 4,000 रुपये दिए गए थे। इनमें से कम से कम 12.72 लाख सरकार द्वारा निर्धारित किए गए मानकों को पूरा नहीं करते थे।

क्या है कालिया योजना

2019 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों से ठीक पहले शुरू की गई कालिया योजना का उद्देश्य किसानों में समृद्धि लाना और ओडिशा के ऋणी और गैर-ऋणी किसानों, बटाईदारों और भूमिहीन कृषि मजदूरों की गरीबी को कम करना और साथ ही प्रत्येक छोटे और सीमांत किसान के शुरुआती निवेश का ध्यान रखना था। इस योजना का उद्देश्य किसानों को खेती के लिए सहायता प्रदान करना था। साथ ही कर्ज के दुष्चक्र को तोड़ना और बकरी, भेड़, मुर्गी पालन, मशरूम की खेती, मधुमक्खी पालन और मत्स्य पालन जैसी कृषि से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए आजीविका सहायता प्रदान करना था। इसके तहत पहले साल में कालिया लाभार्थियों को दो फसलों (खरीफ और रबी) के लिए प्रति वर्ष 4,000 रुपये मिलते थे जिसे बाद में पीएम-किसान योजना के साथ मिलाकर 10000 रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया। पीएम किसान केंद्र द्वारा वित्त पोषित योजना है जो किसानों को प्रति वर्ष 6000 रुपये देती है।

विधानसभा चुनावों में गेमचेंजर साबित हुई कालिया योजना

कालिया योजना 2019 के विधानसभा चुनावों में गेमचेंजर साबित हुई क्योंकि इसने पटनायक को लगातार 5वीं बार सीएम बनने और ग्रामीण ओडिशा में सत्ता विरोधी भावनाओं को मात देने में मदद की थी। 2019 और 2021 के बीच की अवधि के लिए ऑडिट करने वाले CAG ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा SECC, VAHAN, IFMS और HRMS जैसे विभिन्न डेटाबेस का उपयोग करने के बावजूद अयोग्य लोगों को पैसा दिया गया। कैग ऑडिट में पाया गया कि योजना बनाने में तैयारी की कमी के कारण विभाग योजना को ठीक से नहीं लागू कर पाई। चयन मानदंडों के मुताबिक एक परिवार के मुखिया को कालिया सहायता का लाभ मिलना चाहिए था। हालांकि डेटाबेस के विश्लेषण से पता चला कि लाभार्थियों की अंतिम सूची में 5.72 लाख लाभार्थियों को शामिल करने वाले 2.78 लाख परिवारों के संबंध में एक घर के कई सदस्यों का चयन किया गया था।

CAG की रिपोर्ट में और क्या

अयोग्य लाभार्थियों को पैसे देने करने के अलावा यह योजना अपने घोषित लक्ष्यों को पूरा नहीं कर सकी। इस परियोजना के तहत भूमिहीन परिवारों को बकरी पालन, मत्स्य पालन किट, मधुमक्खी पालन और मशरूम की खेती आदि के लिए परिवार द्वारा चुनी गई गतिविधि के आधार पर प्रति परिवार ₹12,500 का अनुदान दिया जाना था। हालांकि CAG ऑडिट में पाया गया कि प्रशिक्षण किए बिना मार्च 2021 तक 18 लाख लाभार्थियों को तीन किस्तों में 2,007.67 करोड़ रुपये जारी किए गए। 14.04 लाख लाभार्थियों को आवश्यक प्रशिक्षण न देना और इन कमजोर और जरूरतमंद समूहों को सहायता के लिए ₹1,755 करोड़ की राशि जारी करना योजना के उद्देश्यों को पूरा नहीं करता है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेख