रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने हिंदी में लिखी चिट्ठी, DMK सांसद बोले- समझ नहीं आई
- डीएमके सांसद ने बिट्टू से तमिल में अनुरोध किया कि अब से उन्हें पत्र अंग्रेजी में भेजे जा सकते हैं। इससे पहले 2022 में डीएमके ने भी केंद्र पर निशाना साधते हुए हिंदी थोपने का आरोप लगाया था।
तमिल और हिंदी को लेकर भाषाई मतभेद अक्सर सामने आ जाती है। डीएमके नेता और राज्यसभा सांसद एमएम अब्दुल्ला ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के पत्र का तमिल में जवाब देते हुए कहा कि उन्हें पत्र का एक भी शब्द समझ में नहीं आया। आपको बता दें कि मोदी सरकार के मंत्री ने सांसद को हिंदी में चिट्ठी लिखी थी। पत्र ट्रेनों में भोजन की गुणवत्ता और सफाई से संबंधित उनके द्वारा उठाए गए सवालों के संबंध में था।
सोशल मीडिया पर दोनों पत्रों की एक प्रति साझा करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्रीय राज्य मंत्री के कार्यालय में तैनात अधिकारियों को कई बार याद दिलाने के बावजूद कि वे हिंदी नहीं समझ सकते, पत्र अभी भी उसी भाषा में भेजे जा रहे हैं।
डीएमके सांसद द्वारा एक्स पर पोस्ट किए गए पोस्ट के मोटे अनुवाद से पता चलता है कि "रेल राज्य मंत्री के कार्यालय से आने वाला पत्र हमेशा हिंदी में होता है। मैंने उनके कार्यालय में तैनात अधिकारियों को फोन करके कहा कि मुझे हिंदी नहीं आती, कृपया पत्र अंग्रेजी में भेजें, लेकिन पत्र हिंदी में था। मैंने इस तरह से जवाब भेजा है कि वे समझ सकें और उसके अनुसार कार्य कर सकें।"
डीएमके सांसद ने बिट्टू से तमिल में अनुरोध किया कि अब से उन्हें पत्र अंग्रेजी में भेजे जा सकते हैं। इससे पहले 2022 में डीएमके ने भी केंद्र पर निशाना साधते हुए हिंदी थोपने का आरोप लगाया था।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि स्थानीय भाषाओं के बजाय हिंदी को अंग्रेजी के विकल्प के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। डीएमके अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि इससे देश की अखंडता को नुकसान पहुंचेगा।