Hindi Newsदेश न्यूज़Railways ordered to compensate passenger 25000 rupee over toilet issues

गंदा शौचालय, पानी की कमी; शख्स की शिकायत पर रेलवे को देना पड़ा 25000 रुपए का मुआवजा

  • ट्रेन में सफर के दौरान एक शख्स को टॉयलेट गंदी होने की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। शिकायत के बाद अब रेलवे को शख्स को 25000 रुपए मुआवजे के तौर पर देने का आदेश दिया गया है।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तानWed, 30 Oct 2024 01:56 PM
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ट्रेन में सफर के दौरान अगर आपको भी गंदे टॉयलेट की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ा है तो ये खबर आपके काम की हो सकती है। आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में जिला उपभोक्ता आयोग ने दक्षिण-मध्य रेलवे को एक यात्री को 25,000 रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। खबरों के मुताबिक उसे और उसके परिवार को तिरुमाला एक्सप्रेस में यात्रा के दौरान कई परेशानियां झेलनी पड़ी थीं जिसके बाद शख्स ने कानूनी कार्रवाई करने का मन बनाया। शख्स के परिवार द्वारा झेली गई शारीरिक और मानसिक परेशानी को देखते हुए रेलवे को यह मुआवजा देने का आदेश दिया गया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया ने शख्स के हवाले से बताया कि उसने ट्रेन के शौचालयों में पानी की कमी और खराब एयर कंडीशनिंग से परेशान होकर शिकायत की थी। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (विशाखापत्तनम) ने फैसला सुनाया कि चूंकि रेलवे सुरक्षित और आरामदायक यात्रा की प्रतिबद्धता के साथ किराया वसूलता है इसलिए उनका दायित्व है कि वे शौचालयों में पानी, एयर कंडीशनिंग और अच्छे वातावरण जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करें।

क्या था मामला?

5 जून 2023 को 55 साल के वी मूर्ति और उनका परिवार तिरुपति में ट्रेन में बैठे। उन्होंने बताया कि उन्होंने तिरुपति से विशाखापत्तनम तक तिरुमाला एक्सप्रेस में चार 3AC टिकट बुक किए थे ताकि एक आरामदायक और तनाव-मुक्त यात्रा की जा सके। मूर्ति ने कहा कि सफर के दौरान उन्हें पानी की कमी की वजह से टॉयलेट जाने में काफी दिक्कत हुई। इसके अलावा उनके परिवार को खराब एयर कंडीशनिंग और कोच में गंदे वातावरण का सामना करना पड़ा। परिवार को शुरू में बी-7 कोच में बर्थ आवंटित की गई थी लेकिन बाद में मूर्ति को रेलवे अधिकारियों से एक संदेश मिला जिसमें कहा गया था कि उन्हें 3A के बजाय 3E कोच में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने बताया किया कि संबंधित कार्यालय में इस असुविधा के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के बावजूद इस मुद्दे को हल करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई और उनके परिवार को यात्रा के दौरान कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

रेलवे ने क्या कहा

हालांकि रेलवे ने इन दावों का खंडन करते हुए तर्क दिया है कि मूर्ति ने सरकारी पैसे लेने के लिए झूठे आरोप लगाए थे और कहा कि वह और उनका परिवार रेलवे सेवाओं का उपयोग करके सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य तक पहुंच गए। हालांकि आयोग ने पाया कि रेलवे ने स्वीकार किया है कि मूर्ति की शिकायत मिलने पर रेलवे कर्मचारियों ने मामले का निरीक्षण किया और पाया कि तकनीकी समस्या के कारण एयर-लॉक हुआ जिससे पानी की कमी हुई। रेलवे की इस बात से संकेत मिलते हैं कि ट्रेन को बुनियादी सुविधाओं की पुष्टि किए बिना ही प्लेटफॉर्म पर खड़ा कर दिया गया था। आयोग ने इसके बाद रेलवे को यात्रा के दौरान मूर्ति को हुई असुविधा के लिए 25,000 रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया। साथ ही कानूनी लागतों को कवर करने के लिए 5,000 रुपए का अतिरिक्त भुगतान करने का आदेश दिया गया है।

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