राहुल गांधी हाजिर हों, सावरकर पर टिप्पणी मामले में अदालत ने खुद पेश होने को कहा
- न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) अमोल शिंदे की अध्यक्षता वाली एमपी/एमएलए की विशेष अदालत ने चार अक्टूबर को गांधी को समन जारी कर 23 अक्टूबर को पेश होने को कहा था। हालांकि, गांधी पेश नहीं हुए, क्योंकि बताया गया कि उन्हें समन प्राप्त नहीं हुआ है।
पुणे की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के पोते द्वारा उनके (गांधी के) खिलाफ दायर मानहानि की शिकायत के संबंध में दो दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। सत्यकी सावरकर ने बीते साल अप्रैल में कांग्रेस सांसद के खिलाफ मजिस्ट्रेट का सामने शिकायत दर्ज कराई थी।
सत्यकी की पुणे की एक अदालत में दर्ज शिकायत में दावा किया गया था कि गांधी ने मार्च 2023 में लंदन में अपने संबोधन में कहा था कि सावरकर ने एक किताब में लिखा है कि उन्होंने और उनके पांच-छह दोस्तों ने एक बार एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी और उन्हें (सावरकर को) खुशी हुई थी। याचिका के अनुसार, सावरकर ने ऐसा कहीं नहीं लिखा है।
अदालत ने पुलिस को आरोपों की जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। विश्रामबाग थाने ने जांच की और कहा कि शिकायत में प्रथम दृष्टया सच्चाई है।
न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) अमोल शिंदे की अध्यक्षता वाली एमपी/एमएलए की विशेष अदालत ने चार अक्टूबर को गांधी को समन जारी कर 23 अक्टूबर को पेश होने को कहा था। हालांकि, गांधी पेश नहीं हुए, क्योंकि बताया गया कि उन्हें समन प्राप्त नहीं हुआ है।
याचिकाकर्ता सत्यकी सावरकर के वकील संग्राम कोल्हटकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्होंने सोमवार को अदालत से अनुरोध किया था कि गांधी को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया जाए।