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सिर्फ 5 रुपए में पकता है दिन का खाना, सरकार ने बताया उज्जवला योजना कैसे बनी गरीबों का सहारा

  • केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उज्जवला योजना की खासियतें बताई है। उन्होंने कहा है कि उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए एलपीजी पर एक परिवार के लिए खाना पकाने की लागत सिर्फ 5 रुपये आती है।

Jagriti Kumari एएनआई, नई दिल्लीTue, 10 Sep 2024 02:00 PM
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उज्जवला योजना केंद्र की मोदी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाएं में से एक रही है। इस योजना के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के लाभार्थियों को होनी वाली बचत के बारे में बताया है। मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में हरदीप पुरी ने कहा कि उज्ज्वला कनेक्शन वाले परिवार प्रतिदिन खाना पकाने के खर्च पर केवल लगभग पांच रुपये खर्च करते हैं जबकि जिनके पास उज्ज्वला कनेक्शन नहीं है उन्हें हर दिन लगभग 12 रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

हरदीप सिंह पुरी ने आगे कहा कि उज्ज्वला लाभार्थियों को एलपीजी सिलेंडर 500 रुपये में मिलता है और किसी अन्य माध्यम से खाना पकाने की तुलना में उनके खाना पकाने के खर्च में काफी बचत होती है। उन्होंने कहा, "हम एक दिन में एक परिवार के लिए सिलेंडर के माध्यम से खाना पकाने की लागत कैलकुलेट कर रहे थे। अगर आप उज्ज्वला कनेक्शन के लाभार्थी हैं और आपको 500 रुपये में सिलेंडर मिल रहा है। इस हिसाब से एक परिवार का प्रतिदिन खाना पकाने का खर्च पांच रुपये से थोड़ा अधिक है। और अगर आप उज्ज्वला के लाभार्थी नहीं हैं तो मुझे लगता है कि यह करीब 12 रुपये है।”

80 प्रतिशत लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्रों से ही

उन्होंने इस बात पर भी जोर डाला कि इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति सुधरी है जहां पहले खाना पकाने के ईंधन तक पहुंच सीमित थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में एलपीजी कनेक्शनों की संख्या 2014 में 14 करोड़ से बढ़कर 2024 में 33 करोड़ से अधिक हो गई है जिसका मुख्य कारण उज्ज्वला योजना की सफलता है। मंत्री ने यह भी बताया कि उज्ज्वला के 80 प्रतिशत लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं जहां योजना की शुरुआत से पहले लकड़ी और कोयले जैसे पारंपरिक ईंधन का उपयोग बहुत अधिक था।

2016 में उज्ज्वला योजना की शुरुआत

गौरतलब है कि उज्ज्वला योजना की शुरुआत 2016 में की गई थी। इसका उद्देश्य वंचित परिवारों तक एलपीजी कनेक्शन पहुंचाना था जिससे लकड़ी और कोयले जैसे पारंपरिक ईंधन पर उनकी निर्भरता कम हो। विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए पुरी ने एलपीजी की कीमतों के मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए उनकी आलोचना की। उन्होंने कहा, "जब विपक्ष अपने समय में सिलेंडर की कीमतों पर राजनीति करता है तो मैं कहता हूं कि आपके समय में सिलेंडर ही नहीं थे।"

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