Hindi Newsदेश न्यूज़Police cracked down 19 years old Murder mystery with AI Shocking details

बिनब्याही मां और जुड़वां बच्चों का कत्ल, कैसे AI की मदद से खुली 19 साल पुरानी मर्डर मिस्ट्री

  • एक बिनब्याही मां और उसके जुड़वा बच्चों का मर्डर। मामले में सेना के दो जवानों का संदिग्ध होना और 19 साल का लंबा वक्त। फिर पुलिस ने ली एआई की मदद और केस क्रैक हो गया। पढ़िए कैसे…

deepak लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 7 Jan 2025 08:58 AM
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एक बिनब्याही मां और उसके जुड़वा बच्चों का मर्डर। मामले में सेना के दो जवानों का संदिग्ध होना और 19 साल का लंबा वक्त। फिर पुलिस ने ली एआई की मदद और केस क्रैक हो गया। यह वाकया है केरल के कोल्लम का। 10 फरवरी 2006 को संथम्मा जब पंचायत ऑफिस से घर लौटीं तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं। उनकी बेटी और उसके 17 दिन के जुड़वां बच्चे खून में समाए पड़े थे। तीनों का गला काटकर बेरहमी से कत्ल किया जा चुका था। मामला पुलिस के सामने पहुंचा तो कई चुनौतियां थीं। हत्या किसने की और हत्या की वजह क्या रही होगी, ऐसे कई सवालों के जवाब तलाशे जाने थे। जब पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली तो केस सीबीआई को सौंप दिया गया।

पुलिस के मुताबिक कोल्लम के अलायमॉन में मृत युवती रंजिनी और आर्मी में तैनात डिविल कुमार नाम के शख्स का अफेयर था। इसी दौरान रंजिनी प्रेगनेंट हो गई। वह गर्भपात कराने के लिए राजी नहीं थी। इसी बात पर दोनों का रिश्ता खत्म हो गया। इसके बाद डिविल कुमार पठानकोट चला गया। जनवरी 2006 में रंजिनी ने तिरुवनंतपुरम के अस्पताल में जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया। उधर राज्य महिला आयोग ने आदेश दिया था कि रंजिनी से अफेयर रखने वाले डिविल को पठानकोट स्थित सेना कैंप से ले आया जाए। आयोग ने उसके डीएनए टेस्ट का भी आदेश दिया था।

नाम बदलकर दोस्ती
आरोप है कि रंजिनी की डिलीवरी से पहले अनिल नाम के एक शख्स ने उससे दोस्ती कर ली। यह अनिल कोई और नहीं, बल्कि राजेश था जो डिविल के साथ सेना में तैनात था। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि डिविल और राजेश ने उस साल जनवरी में एक साथ छुट्टी ली थी। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक संथम्मा ने बताया कि राजेश ने अपना परिचय अनिल कुमार के रूप में दिया। उसने हमसे पूछा कि क्या रंजिनी की सिजेरियन डिलीवरी के लिए खून की जरूरत है। हालांकि हमें खून की जरूरत नहीं थी, लेकिन फिर भी अस्पताल के चक्कर लगाता रहा। उसने सबकुछ योजना बनाकर किया। यहीं पर रंजिनी ने उसे डिविल के बारे में बताया और राजेश ने उसकी मदद का आश्वासन भी दिया।

पुलिस के मुताबिक जब रंजिनी अस्पताल से छूटी तो राजेश ने उसे किराये का घर ढूंढने में मदद की। उसने यह घर उसके परिवार से दूर लिया। राजेश ने कहाकि दूर रहने से उसे पड़ोसियों और रिश्तेदारों के ताने नहीं सुनने पड़ेंगे। 10 फरवरी 2006 को राजेश रंजिनी के घर गया और उसकी मां संथम्मा को स्थानीय पंचायत ऑफिस जाने के लिए मनाया। वहां पर संथम्मा को बच्चों के जन्म से जुड़े कुछ कागजात जमा करने की बात कही गई।

पुलिस ने बताया कि जिस दौरान संथम्मा पंचायत ऑफिस गई थीं, तभी राजेश ने रंजिनी और दोनों बच्चों को कत्ल कर डाला। जब पुलिस ने अनिल कुमार के रोल की जांच शुरू की तो क्राइम सीन से उसे एक दोपहिया वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मिला। जब इसकी जांच शुरू हुई तो तार पठानकोट के मिलिट्री कैंप से जुड़ने लगे। राजेश और डिविल यहीं तैनात थे, लेकिन दोनों किसी अज्ञात जगह पर छिप गए थे।

ऐसे चढ़े हत्थे
केरल के एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) मनोज अब्राहम ने बताया कि हमारी टेक्निकल इंटेलीजेंस विंग पुराने पेंडिंग केसेज में डिजिटल एनालिसिस करती है। इसी टीम ने आरोपियों की तलाश के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल किया। आरोपियों की पुरानी तस्वीरों को डेवलप किया गया कि वह 19 साल बाद कैसे दिखते होंगे। एआई का इस्तेमाल करके चेहरे और हेयर स्टाइल को मिलाया गया। फिर इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर मौजूद तस्वीरों से मिलाया गया। हमें दुनिया भर से मैचेज मिले, लेकिन फेसबुक पर शेयर की गई एक शादी की तस्वीर 90 फीसदी तक मैच कर गई।

इसके आधार पर 19 साल बाद सीबीआई ने डिविल और राजेश को 4 जनवरी के दिन गिरफ्तार किया। यह दोनों पुडुचेरी में विष्णु और प्रवीण नाम की नई पहचान के साथ छिपे थे। इन दोनों ने इंटीरियर डिजाइन का काम शुरू कर दिया था। साथ ही दोनों ने टीचर्स से शादी कर ली थी।

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