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खुद को नहीं संभाल पाए केंद्रीय मंत्री, रतन टाटा की एक पुरानी कहानी सुना रो पड़े

  • केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'मेरा मानना ​​है कि वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने न केवल व्यापार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि टाटा समूह को इस बात का जीवंत उदाहरण बनाया कि कैसे एक उद्योग ईमानदार व्यवस्थाओं के साथ बड़ा बन सकता है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर जा सकता है।'

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तानThu, 10 Oct 2024 12:52 PM
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उद्योगपति रतन टाटा के निधन के बाद उन्हें भारत रत्न देने की मांग जोर पकड़ रही है। उद्योगपतियों से लेकर राजनेता और खिलाड़ी उनके निधन पर शोक जता रहे हैं। इसी बीच केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी मीडिया से बात कर टाटा से जुड़ा एक पुराना किस्सा साझा किया है। इस बातचीत के दौरान वह उद्योगपति को याद कर रोने भी लगे।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में गोयल ने उस समय का किस्सा साझा किया जब टाटा उनके घर नाश्ता करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा, '...मुझे याद है कि जब वे एक बार मुंबई में नाश्ते के लिए घर आए थे, तो हमने केवल एक साधारण इडली, सांभर, डोसा परोसा था... लेकिन उन्होंने बहुत सराहना की। उनके पास दुनिया के सबसे बेहतरीन रसोइये होंगे। लेकिन उन्होंने उस साधारण नाश्ते की बहुत सराहना की। वे नाश्ता परोसने वाले के प्रति बहुत दयालु थे।'

उन्होंने आगे बताया, 'और जब वे घर से जा रहे थे, तो उन्होंने बहुत ही खूबसूरत दो घंटे बिताने के बाद मेरी पत्नी से बहुत प्यार से पूछा - क्या आप मेरे साथ एक तस्वीर लेना चाहेंगी? हम वास्तव में ऐसा करना चाहते थे, लेकिन पूछने में शर्म आ रही थी। उन्होंने हमें यह पेशकश की और यही छोटे-छोटे विचारशील चीजें हैं जो उस व्यक्ति को रतन टाटा बनाती हैं जिन्हें 140 करोड़ भारतीय और पूरी दुनिया प्यार करती है।'

उन्होंने कहा, 'रतन टाटा बहुत संवेदनशील व्यक्ति थे। उन्होंने टाटा समूह को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया और भारत को भी गौरव दिलाया। उनका व्यक्तित्व परोपकारी था। वह हर अच्छे काम के लिए हमेशा तैयार रहते थे... जब देश कोविड महामारी से जूझ रहा था, तब रतन टाटा ने बिना किसी हिचकिचाहट और बिना किसी शर्त के 1500 करोड़ रुपये दान करने का संकल्प लिया... इससे हमें कोविड के खिलाफ लड़ने में मदद मिली।'

केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मेरा मानना ​​है कि वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने न केवल व्यापार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि टाटा समूह को इस बात का जीवंत उदाहरण बनाया कि कैसे एक उद्योग ईमानदार व्यवस्थाओं के साथ बड़ा बन सकता है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर जा सकता है।'

रतन टाटा का अंतिम संस्कार मुंबई के वर्ली श्मशान घाट पर होगा। एक बयान के अनुसार, 'रतन एन टाटा के पार्थिव शरीर... शाम 4 बजे पार्थिव शरीर अपनी अंतिम यात्रा पर वर्ली श्मशान घाट स्थित प्रार्थना घर के लिए निकलेगा।'

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