पाकिस्तान की फिर खुल गई पोल, जिम में बॉडी बनाता दिखा आतंकी लखवी; मुंबई हमले का है मास्टरमाइंड
- लखवी का पाकिस्तान में खुलेआम घूमना और इस मामले में पाकिस्तान की आंतरिक जांच की अनिच्छा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक गंभीर सवाल बना हुआ है।
पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। पड़ोसी देश के द्वारा आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की बात एक सफेद झूठ है। उसकी पोल उस समय फिर खुल गई जब 2008 में हुए मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेशन्स कमांडर जकीउर्रहमान लखवी वहां जिम में बॉडी बनाता हुआ दिखा है। पाकिस्तान में खुलेआम घूमते हुए उसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। वीडियो में लखवी को डांस क्लास में भाग लेते और जिम में कसरत करते हुए देखा जा सकता है।
हालांकि वीडियो के स्थान और तारीख के बारे में जानकारी स्पष्ट नहीं है, लेकिन कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि लखवी ने अपना लुक बदल लिया है। इससे पहले उसे इस्लामाबाद में कोर्ट के कैमरों में कैद किया गया था। उस समय वह लंबी दाढ़ी में दिखाई दे रहा था। वायरल वीडियो में लखवी को पूरी तरह से शेव किए हुए देखा जा सकता है।
लखवी को पाकिस्तान की अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई
2021 में पाकिस्तान की एक अदालत ने लखवी को आतंकवाद को मदद करने के मामले में पांच साल की सजा सुनाई थी। भारत और अमेरिका ने लखवी पर 2008 के मुंबई आतंकी हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया था। इस हमले में कम से कम 160 लोग मारे गए थे। हालांकि, पाकिस्तान ने लंबे समय तक लखवी की मुंबई हमलों में संलिप्तता से इनकार किया था। लेकिन वित्तीय संकट और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में शामिल होने के बाद पाकिस्तान को उसे जेल भेजना पड़ा था। इसके बाद से लखवी को पाकिस्तान की सड़कों पर खुलेआम घूमते हुए कई बार देखा गया है।
भारत की पाकिस्तान से लखवी को सौंपने की मांग
भारत ने कई बार पाकिस्तान से लखवी को सौंपने की अपील की है, लेकिन पाकिस्तान का कहना है कि वह भारत को मुंबई हमलों से जुड़े किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को नहीं सौंपेगा। पाकिस्तान ने यह भी कहा है कि ऐसे व्यक्तियों का पाकिस्तान में ही मुकदमा चलेगा। अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि लखवी और अजमल कसाब दोनों पाकिस्तान के एक ही इलाके से हैं।
द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के अधिकारी लखवी की बातचीत के सुरागों को अमेरिकी और ब्रिटिश खुफिया एजेंसियों द्वारा प्रदान किए गए प्रमाण के रूप में स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। इन सुरागों में लखवी की फोन कॉल्स शामिल हैं, जो उसने मुंबई के ताज होटल में छिपे हुए हमलावरों से की थीं।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि कसाब का बयान और अन्य सबूत अदालत में स्वीकार्य नहीं थे। उनका कहना था कि ये बयान भारत द्वारा दबाव में लिए गए थे, इसलिए इन्हें किसी भी न्यायिक प्रक्रिया में स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने दावा किया कि इस जानकारी को अदालत में परीक्षण के लिए स्वीकार नहीं किया जा सकता। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इस मुद्दे पर अमेरिका और पाकिस्तान में के बीच गंभीर मतभेद थे।
लखवी के क्या कहते हैं भारतीय और अमेरिकी अधिकारी
2009 में भारतीय अधिकारियों ने दिल्ली में पत्रकारों को बताया था कि वे मानते हैं कि लखवी और लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेटर यूसुफ मुजम्मिल ने मुंबई हमलों की साजिश रची थी। भारत और अमेरिका के अधिकारियों ने कहा कि वे तब तक संतुष्ट नहीं होंगे जब तक इस्लामाबाद उन लोगों पर मुकदमा नहीं चलाता और भारतीय धरती पर हुए हमलों से जुड़े अन्य आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता।
आपको बता दें कि लखवी का पाकिस्तान में खुलेआम घूमना और इस मामले में पाकिस्तान की आंतरिक जांच की अनिच्छा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक गंभीर सवाल बना हुआ है। भारत और पाकिस्तान के बीच यह मुद्दा आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई की आवश्यकता को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।