नौकरी या पैसा नहीं; पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले शुभम की पत्नी ने की सिर्फ एक मांग
पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी की पत्नी ने सरकार के सामने सिर्फ एक मांग रखी है। उन्होंने सरकार से शुभम को शहीद का दर्जा देने के लिए कहा है। पत्नी ने कहा कि उन्हें पैसा या फिर नौकरी नहीं चाहिए।

Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले शुभम द्विवेदी की पत्नी ने उन्हें शहीद का दर्जा देने की गुरुवार को मांग की। उन्होंने कहा कि घटना के इतने समय बाद भी अपराधियों के खिलाफ अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है। द्विवेदी (31) पहलगाम के बैसरन इलाके में 22 अप्रैल को हुए हमले में मारे गए 26 लोगों में शामिल थे। मृतकों में ज्यादातर पर्यटक थे।
द्विवेदी की पत्नी आशान्या ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि वह नौकरी या मुआवजा/पैसा नहीं मांग रहीं, बल्कि सिर्फ यह चाहती हैं कि उनके पति को शहीद का दर्जा दिया जाए। उन्होंने कहा, "न तो शुभम को शहीद का दर्जा मिला है और न ही सरकार ने हत्याओं के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को खत्म किया।"
उन्होंने कहा, "मुझे नौकरी या पैसे नहीं चाहिए - बस मेरे शुभम को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए। मैं इस दर्द को जिंदगी भर सहूंगी।" लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को एक यात्रा के दौरान महाराजपुर में स्थित द्विवेदी के आवास पर शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की थी। आशान्या ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस नेता के सामने अपनी मांग रखी और उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर शुभम को शहीद का दर्जा देने की मांग करेंगे।
उन्होंने कहा, "राहुल जी ने संसद में भी इस मामले को उठाने का वादा किया है।" आशान्या ने सरकार से हमले में शामिल आतंकवादियों के खिलाफ ठोस और तत्काल कार्रवाई करने का भी आग्रह किया। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह फिर कभी कश्मीर जाने के बारे में सोचेंगी, तो उन्होंने कहा, "कभी नहीं। एक बार भी नहीं।"