Hindi Newsदेश न्यूज़Pahalgam Terror Attack Assam Professor Says I Read Kalma Thats Why Life Saved

मैं कलमा पढ़ सकता था, इसलिए बच गया; प्रोफेसर ने बताया आतंकी हमले में कैसे बची जान

  • Pahalgam Attack: प्रोफेसर ने बताया कि मैं अपने परिवार के साथ एक पेड़ के नीचे लेटा हुआ था। तभी मैंने सुना कि मेरे आसपास के लोग कलमा पढ़ रहे थे। यह सुनकर मैंने भी पढ़ना शुरू कर दिया।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 23 April 2025 08:37 PM
share Share
Follow Us on
मैं कलमा पढ़ सकता था, इसलिए बच गया; प्रोफेसर ने बताया आतंकी हमले में कैसे बची जान

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जबकि 17 घायल हो गए। आतंकवादियों ने पहलगाम घूमने आए पर्यटकों से उनके धर्म पूछकर गोलियां बरसाईं। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्हें कलमा पढ़ने के लिए भी कहा गया, जिससे उनके धर्म की पहचान हो सके। जिन्होंने कलमा पढ़ा, उन्हें आतंकियों ने छोड़ दिया। इसी तरह असम के एक हिंदू प्रोफेसर को भी आतंकियों ने गोली नहीं मारी, क्योंकि वह कलमा पढ़ सकते थे। इसके चलते असम यूनिवर्सिटी में बंगाली डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर देबाशीष भट्टाचार्य की जान बच सकी।

देबाशीष भट्टाचार्य भी उस समय पहलगाम की बेसरन घाटी में अपने परिवार के साथ मौजूद थे, जिस समय आतंकी हमला हुआ। न्यूज 18 से बात करते हुए उन्होंने बताया, ''मैं अपने परिवार के साथ एक पेड़ के नीचे लेटा हुआ था। तभी मैंने सुना कि मेरे आसपास के लोग कलमा पढ़ रहे थे। यह सुनकर मैंने भी पढ़ना शुरू कर दिया। कुछ देर में आतंकी मेरी ओर बढ़ा और मेरे बगल में लेटे व्यक्ति के सिर में गोली मार दी।''

उन्होंने आगे बताया, ''इसके बाद आतंकी ने मेरी ओर देखा और पूछा कि क्या कर रहे हो? मैं और तेजी से कलमा पढ़ने लगा। इसके बाद वह किसी वजह से वहां से मुड़कर चला गया।'' इसके बाद मौका पाते ही प्रोफेसर ने चुपचाप अपनी पत्नी और बेटे के साथ वहां से छिपकर निकल गए। लगभग दो घंटे तक चलते हुए और घोड़ों के पैरों के निशान को फॉलो करते हुए आखिरकार वह वहां से निकलने और होटल पहुंचने में कामयाब हो सके। भट्टाचार्य ने बताया कि उन्हें अभी भी यकीन नहीं हो रहा है कि वह जिंदा हैं।

ये भी पढ़ें:मुसलमान खुद को कमजोर महसूस कर रहे, हमले से PM मोदी को संदेश; पहलगाम पर वाड्रा
ये भी पढ़ें:हिंदुओं को टारगेट किया है..., पहलगाम आतंकी हमले पर बाबा रामदेव ने रखी यह मांग

वहीं, पुणे के एक कारोबारी की बेटी ने भी ऐसा ही दावा किया है कि धर्म पूछने के बाद निशाना बनाया गया। युवती ने दावा किया है कि आतंकवादियों ने पुरुष पर्यटकों से उनका धर्म पूछने के बाद उन्हें निशाना बनाया। अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र के पुणे से आए दो व्यापारी संतोष जगदाले और कौस्तुभ गणबोटे को मंगलवार को हुए हमले में गोलियां मारी गईं, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। पुणे में मानव संसाधन पेशेवर 26 वर्षीय असावरी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि उनके पिता और चाचा को आतंकवादियों ने बेताब घाटी में स्थित 'मिनी स्विट्जरलैंड' पर गोली मार दी। असावरी ने बताया, ''उन्होंने मेरे पिता से इस्लाम की एक आयत (संभवतः कलमा) सुनाने के लिए कहा। जब वह नहीं सुना पाए तो उन्होंने मेरे पिता पर तीन गोलियां चला दीं। उन्होंने मेरे पिता के सिर पर, कान के पीछे और पीठ में गोली मारी।''

अगला लेखऐप पर पढ़ें