अगर मैं संसद की खुदाई करूं, कुछ मिल जाए तो क्या मेरी हो जाएगी; लोकसभा में ओवैसी
- बहस के दौरान औवैसी ने कहा कि मुझसे पूछा जा रहा है कि 500 साल पहले मस्जिद थी या नहीं। अगर मैं संसद को खोदूं और कुछ निकल आए, तो क्या वह मेरी हो जाएगी?
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन औवैसी ने शनिवार को कुछ धार्मिक स्थलों के सर्वेक्षण या उन्हें गिराने की मांगों पर चिंता जताई। संविधान को अपनाए जाने की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित बहस के दौरान औवैसी ने कहा, "मुझसे पूछा जा रहा है कि 500 साल पहले मस्जिद थी या नहीं। अगर मैं संसद को खोदूं और कुछ निकल आए, तो क्या वह मेरी हो जाएगी?"
औवैसी ने यह बयान अनुच्छेद 25 और उसके प्रावधानों पर चर्चा के दौरान दिया। यह बयान सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के दो दिन बाद आया, जिसमें कहा गया था कि जब तक प्लेस ऑफ वर्शिप (स्पेशल प्रोविज़न्स) एक्ट, 1991 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई खत्म नहीं होती, तब तक किसी भी धार्मिक स्थल का सर्वे नहीं होगा।
वक्फ संपत्तियों को लेकर सरकार पर आरोप
औवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर वक्फ संपत्तियां छीनने की कोशिश का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, "अनुच्छेद 26 पढ़ें, यह धार्मिक संप्रदायों को धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संस्थानों की स्थापना और रखरखाव का अधिकार देता है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि वक्फ का संविधान से कोई लेना-देना नहीं। प्रधानमंत्री को कौन सिखा रहा है? उन्हें अनुच्छेद 26 पढ़ाइए।" उन्होंने आगे कहा, "सरकार की मंशा ताकत के आधार पर वक्फ संपत्तियां छीनने की है।"
उर्दू भाषा और हिंदुत्व पर निशाना
औवैसी ने भाजपा पर उर्दू भाषा को खत्म करने और हिंदुत्व संस्कृति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "अनुच्छेद 29 पढ़ें, यह भाषा की स्वतंत्रता देता है। उर्दू, वह भाषा जिसमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने 'इंकलाब जिंदाबाद' का नारा दिया, उसे खत्म कर दिया गया। उनसे (भाजपा से) संस्कृति के बारे में पूछें तो वे कहेंगे यह हमारी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है। लेकिन यह वास्तव में भारतीय राष्ट्रवाद नहीं, बल्कि हिंदुत्व का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है।"
मस्जिदों के सर्वे पर चिंता
औवैसी ने मस्जिदों के चल रहे सर्वेक्षणों पर सवाल उठाते हुए कहा, "आज मुझसे पूछा जा रहा है कि 500 साल पहले कोई मस्जिद थी या नहीं। अगर मैं संसद को खोदकर कुछ निकालूं और वह मेरी चीज हो, तो क्या वह मेरी हो जाएगी?" औवैसी के इन आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया। अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "भारत न केवल अल्पसंख्यकों को कानूनी संरक्षण देता है, बल्कि उनके हितों की रक्षा के लिए सकारात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान है।" संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए लगातार सरकारें काम करती रही हैं। उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने भी ऐसा किया है, मैं उसके योगदान को कम नहीं आंक रहा हूं।"