हमारे खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारें; महबूबा मुफ्ती से उमर अब्दुल्ला की अपील, जम्मू-कश्मीर में किस करवट लेगा सियासी खेल
- जम्मू-कश्मीर चुनाव के नजदीक आते ही सियासी हलचल तेज हो गई है। नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी से अपील की कि वे नेकां के खिलाफ उम्मीदवार न उतारें क्योंकि दोनों पार्टियों के घोषणापत्र में समानताएं हैं।
जम्मू-कश्मीर में जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे सियासी खेल भी दिलचस्प होता जा रहा है। नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) और कांग्रेस पहले से ही एक पाले में हैं अब ऐसा लग रहा है कि महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) भी एक ही सुर में सुर मिला सकती है। इसी बीच नेकां के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी को भी अपने पाले में करने के लिए दांव खेला है। उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए पीडीपी और नेकां के एजेंडा को एक बताया और पीडीपी से नेकां के खिलाफ अपने उम्मीदवार नहीं उतारने की अपील की है।
रविवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पीडीपी के घोषणापत्र वह तमाम बाते हैं जिसे नेकां ने जनता के सामने रखा। उन्होंने यह भी कहा कि पीडीपी को नेकां और कांग्रेस गठबंधन के खिलाफ अपने उम्मीदवार नहीं उतारने चाहिए, ताकि जम्मू-कश्मीर की बेहतरी के लिए एक प्रभावी गठबंधन बनाया जा सके। अब्दुल्ला की यह टिप्पणी महबूबा मुफ्ती द्वारा कांग्रेस-नेकां गठबंधन को पूर्ण समर्थन देने की पेशकश के एक दिन बाद आई है। महबूबा ने कहा था कि अगर गठबंधन पीडीपी के एजेंडे को स्वीकार करता है, तो उनकी पार्टी सभी सीटें छोड़ देगी।
मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में नेकां कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पीडीपी ने उनके पार्टी के घोषणापत्र की कई योजनाओं को अपनी घोषणापत्र में शामिल किया है। उन्होंने कहा, "हमने घोषणापत्र में सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को शामिल किया है और पीडीपी ने भी लगभग वही बातें उठाई हैं। उन्हें घोषणापत्र में कुछ अंतर रखना चाहिए था।"
अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी ने सत्ता में आने पर 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया है और ‘‘उन्होंने (पीडीपी ने) भी कहा है कि वे 200 यूनिट बिजली देंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने कहा कि हम पहले साल में एक लाख सरकारी नौकरियां देंगे, उन्होंने इसे भी अपने घोषणापत्र में रखा है। हमने (नियंत्रण रेखा के पार) मार्गों को फिर से खोलने के बारे में बात की, यह उनके घोषणापत्र में भी है। हमने (पाकिस्तान से) बातचीत के दरवाजे खुले रखने की बात की और उन्होंने भी ऐसा कहा है। हमारे घोषणापत्र में जो कुछ भी है, हमारे सहयोगियों ने भी लगभग वही रखा है।’’
पीडीपी की पेशकश पर अब्दुल्ला ने कहा कि नेकां और पीडीपी के एजेंडे में ज्यादा अंतर नहीं है। अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘उन्होंने (पीडीपी) कहा कि अगर नेकां-कांग्रेस गठबंधन उनके एजेंडे को स्वीकार करता है, तो वह उम्मीदवार नहीं उतारेंगी। आपने हमारे सभी एजेंडे को अपने घोषणापत्र में शामिल कर लिया है। आपने पहले ही हमारे एजेंडे को स्वीकार कर लिया है और अब आपके एजेंडे और हमारे एजेंडे में ज्यादा अंतर नहीं है। तो उम्मीदवार मत उतारिए और आइए, हम जम्मू कश्मीर के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण करें।’’
इस बीच उमर अब्दुल्ला के इस बयान से नेकां और पीडीपी के बीच बढ़ते राजनीतिक समीकरण ने संकेत दे दिए है। जम्मू-कश्मीर की राजनीति में यह ताजातरीन समीकरण चुनावी रणनीतियों और गठबंधन की दिशा को प्रभावित कर सकता है। अब देखना होगा कि क्या महबूबा मुफ्ती भी उमर अब्दुल्ला के सुर से सुर मिलाती हैं या नहीं।
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