Hindi Newsदेश न्यूज़Nitin Gadkari Says If Congress had given priority to rural India there would have been less poverty today

कांग्रेस ने अगर ग्रामीण भारत को प्राथमिकता दी होती तो आज कम गरीबी होती: गडकरी

  • नागपुर से भाजपा के लोकसभा सदस्य गडकरी ने पार्टी कार्यकर्ता के रूप में अपने दिनों को याद किया जब वह राज्य के विदर्भ क्षेत्र के पड़ोसी वर्धा जिले में दो अन्य लोगों के साथ एक ही स्कूटर पर यात्रा करते थे।

Madan Tiwari पीटीआई, वर्धाSat, 9 Nov 2024 09:56 PM
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि अगर कांग्रेस ने ग्रामीण भारत को प्राथमिकता दी होती तो किसान आत्महत्या नहीं कर रहे होते और गांवों में गरीबी कम होती।

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वर्धा जिले के अरवी में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) न तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पार्टी है और न ही उनकी, बल्कि यह उन कार्यकर्ताओं की पार्टी है जिन्होंने अपना जीवन इसके लिए समर्पित कर दिया है।

उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा में पार्टी कार्यकर्ताओं के योगदान की भी सराहना की।

नागपुर से भाजपा के लोकसभा सदस्य गडकरी ने पार्टी कार्यकर्ता के रूप में अपने दिनों को याद किया जब वह राज्य के विदर्भ क्षेत्र के पड़ोसी वर्धा जिले में दो अन्य लोगों के साथ एक ही स्कूटर पर यात्रा करते थे।

महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में 62 सीट विदर्भ क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।

गडकरी ने आरोप लगाया, ''भारत के 75 साल के इतिहास में कांग्रेस ने कभी भी देश के ग्रामीण इलाकों के विकास को प्राथमिकता नहीं दी। गांवों में न सड़कें थीं, न पीने का पानी था।''

उन्होंने कहा, ''कांग्रेस ने कभी भी ग्रामीण भारत के विकास के बारे में गंभीरता से नहीं सोचा। अगर ग्रामीण भारत को प्राथमिकता दी जाती तो किसान आत्महत्या नहीं करते, गांवों में गरीबी नहीं होती।''

गडकरी ने कहा कि वह किसी भी तरह के आरक्षण का विरोध नहीं करते लेकिन राजनीति के लिए कभी भी धर्म और जाति का इस्तेमाल नहीं करेंगे।

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि जो लोग सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हैं, उन्हें आर्थिक और शैक्षणिक रूप से सक्षम बनने के लिए आरक्षण मिलना चाहिए, लेकिन जातियों की ढाल को आगे रखकर नहीं।

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि जो लोग सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हैं, उन्हें आर्थिक और शैक्षणिक रूप से सक्षम बनने के लिए आरक्षण मिलना चाहिए, लेकिन जातियों की ढाल बनाकर नहीं। उन्होंने कहा, ''हमें अपने काम की वजह से विकास करना है।''

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