नितिन गडकरी को घेरने की कोशिश में थे मल्लिकार्जुन खरगे, उलटा पड़ा दांव; मंत्री ने कसा CM वाला तंज
- मल्लिकार्जुन खरगे ने बेंगलुरु से कलबुर्गी को जोड़ने वाले फोर लेन हाईवे प्रोजेक्ट का मुद्दा उठाया था। बाद में उन्होंने कहा कि नितिन गडकरी के पास अब पहले जैसी ताकत नहीं रही।

राज्यसभा में बुधवार को एक अजब नजारा देखने को मिला। दरअसल, यहां कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद मल्लिकार्जुन खरगे की तरफ से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को घेरने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनका यह दांव उलटा पड़ता नजर आया। खरगे ने राजमार्गों की प्रगति पर सवाल उठाए थे, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस चीफ को उनके ही पार्टी के मुख्यमंत्री समेत बड़े नेताओं के साथ जारी कथित खटपट की याद दिला दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खरगे ने बेंगलुरु से कलबुर्गी को जोड़ने वाले फोर लेन हाईवे प्रोजेक्ट का मुद्दा उठाया था। बाद में उन्होंने कहा कि गडकरी के पास अब पहले जैसी ताकत नहीं रही। उन्होंने कहा, 'अगर बात गलत है तो मैं इसे वापस लेता हूं, लेकिन मैंने जहां तक सुना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग को नंबर देने की बात आती है तो भी आपको प्रधानमंत्री कार्यालय जाना पड़ जाता है।'
उन्होंने आगे कहा, 'मुझे ऐसी जानकारी मिली है। अगर यह गलत तो फिर ठीक है। आप बताएं...। आप बॉन्ड्स समेत अलग-अलग रास्तों के जरिए फंड जुटा रहे हैं और आप यह सब अपनी हिम्मत से कर रहे हैं। आपका दिमाग तेज है और अगर वो आपके फंड्स नहीं देंगे, तो आप रास्ता निकाल लेंगे।'
उन्होंने कहा, 'अब आप प्रधानमंत्री की तारीफ कर रहे हैं। मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी, क्योंकि पीएम ही हैं जो पूरा श्रेय ले रहे हैं।'
गडकरी का जवाब
इसपर गडकरी ने जवाब दिया, 'मैं खरगे जी को बताना चाहता हूं कि राष्ट्रीय राजमार्गों को नंबर देने के समय कोई फाइल पीएम के पास नहीं जाती है। पीएम ने मुझे नियुक्त किया है और मैं आदेश पर काम करता हूं। मुझे कोई परेशानी नहीं आती है।' साथ ही उन्होंने फंड्स की कमी से भी इनकार किया है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण स्तर पर मंजूरियां, राज्य सरकारों की तरफ से जमीन अधिग्रहण नहीं कर पाना, कोर्ट के मामले देरी की वजह बनते हैं। उन्होंने कहा, 'आपके मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री कहते हैं कि पहले से भी ज्यादा काम हुआ है। आप उनसे पूछ सकते हैं। हालांकि, मुझे नहीं पता कि आपकी उनसे चर्चा होती है या नहीं।'
हालांकि, इस दौरान उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का नाम नहीं लिया।