NIT की छात्रा ने सोशल मीडिया पर भारत विरोधी पोस्ट लाइक की, पुलिस ने भेज दिया बांग्लादेश; जानें पूरा मामला
- असम से सिलचर एनआईटी में पढ़ रही छात्रा पर सोशल मीडिया पर भारत विरोधी पोस्ट लाइक करने का आरोप है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उसे भारत-बांग्लादेश सीमा पर लाया गया और पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच सीमा पार भेज दिया गया।
असम के सिलचर में NIT की छात्रा को पुलिस ने उसके देश बांग्लादेश वापस भेज दिया है। छात्रा पर सोशल मीडिया पर भारत विरोधी पोस्ट लाइक करने का आरोप है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उसे भारत-बांग्लादेश सीमा पर लाया गया और पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच सीमा पार भेज दिया गया।
कछार के पुलिस अधीक्षक नुमाल महत्ता ने इस घटना की पुष्टि की है। इस मामले में एनआईटी सिलचर के अधिकारियों ने कहा कि छात्रा ने स्वयं कुछ समय के लिए घर जाने की इच्छा व्यक्त की थी और उसने रविवार को छुट्टी के लिए आवेदन भी किया था। एनआईटी सिलचर के रजिस्ट्रार ने कहा, "वह उचित सुरक्षा के साथ घर लौटना चाहती थी और हमने अधिकारियों को इस बारे में सूचित कर दिया। वह आज अपने देश चली गई।"
NIT सिलचर में 70 बांग्लादेशी छात्र
एसपी महात्ता के अनुसार, बांग्लादेश के लगभग 70 छात्र सिलचर एनआईटी में विभिन्न विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमने संस्थान के अधिकारियों से बांग्लादेश उच्चायोग से बात कर उस छात्रा के भारत विरोधी पोस्ट के लिए उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने को कहा है।"
कैसे सामने आया मामला
यह मुद्दा सबसे पहले असम विश्वविद्यालय सिलचर के पूर्व छात्र सुभाशीष चौधरी ने 22 अगस्त को उठाया था। उन्होंने छात्रा के सोशल मीडिया पोस्ट के कुछ स्क्रीनशॉट साझा किए, जिसके बाद सिलचर और असम के अन्य क्षेत्रों में कई शिकायतें दर्ज की गईं। 24 अगस्त को एसपी महत्ता ने संस्थान का दौरा किया और जांच शुरू की गई। उन्होंने कहा, "मैं शनिवार आधी रात को संस्थान पहुंचा और पाया कि उक्त छात्रा हमारे देश की नहीं है। हमें कुछ इनपुट मिले हैं और अब हमारा साइबर मॉनिटरिंग सेल इस पर काम कर रहा है।"
NIT का भी आया बयान
सिलचर एनआईटी के निदेशक प्रोफेसर दिलीप कुमार बैद्य ने कहा कि उन्हें इस मामले की पूरी जानकारी है और वे संस्थान में शांति, कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठा रहे हैं ताकि ऐसी घटनाएं आगे न हों। उन्होंने कहा , "सरकार की नीति के अनुसार बांग्लादेश सहित अन्य देशों से छात्र यहां अध्ययन के लिए आते हैं और यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि वे अन्य छात्रों के साथ शांतिपूर्वक रहें।" उन्होंने आगे कहा, "यदि उन्हें कोई दंडनीय बात मिलती है या जांच की जरूरत होती है तो एनआईटी अधिकारी जांच में पूरा सहयोग करेंगे।"