खालिस्तानी पन्नू से जुड़े आतंकी षड्यंत्र मामले में NIA का ऐक्शन, पंजाब में 4 ठिकानों पर छापेमारी
- NIA के बयान में कहा गया कि मामला पन्नू की ओर से एसएफजे के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर रची गई साजिश से संबंधित है। आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों और हिंसा को बढ़ावा देने से संबंधित मामले में यह कार्रवाई हुई।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी षड्यंत्र मामले की जांच के तहत शुक्रवार को पंजाब में 4 जगहों पर तलाशी ली। यह छापेमारी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू और उससे जुड़े प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के ठिकानों पर हुई। आधिकारिक बयान में कहा गया कि एनआईए के दलों ने मोगा में एक स्थान पर, बठिंडा में 2 जगहों और मोहाली में एक स्थान पर मामले के संदिग्धों से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की। बयान में कहा गया कि रेड के दौरान डिजिटल उपकरणों समेत विभिन्न सामग्री जब्त की गई, जिनकी जांच की जा रही है।
NIA के बयान में कहा गया कि मामला पन्नू की ओर से एसएफजे के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर रची गई साजिश से संबंधित है। पन्नू की ओर से आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों और हिंसा को बढ़ावा देने से संबंधित मामले में यह कार्रवाई हुई। एजेंसी ने एयर इंडिया के यात्रियों को धमकाने वाले वीडियो संदेश जारी करने के लिए 17 नवंबर, 2023 को पन्नू और एसएफजे के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
पन्नू के पास अमेरिका-कनाडा की दोहरी नागरिकता
गौरतलब है कि गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भारत सरकार और कुछ भारतीय अधिकारियों के खिलाफ अमेरिकी अदालत में मुकदमा दायर किया है। भारत ने इसे पूरी तरह से अनुचित और निराधार बताते हुए गुरुवार को खारिज कर दिया। कट्टरपंथी समूह SFJ प्रमुख पन्नू ने अमेरिका की संघीय जिला अदालत में दीवानी मुकदमा दायर कर पिछले वर्ष अमेरिकी धरती पर उसकी हत्या के असफल प्रयास के लिए हर्जाना मांगा है। पिछले वर्ष नवंबर में, अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर न्यूयॉर्क में पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया था। भारत में आतंकवाद के आरोपों में वांछित पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है।
सिख फॉर जस्टिस पर प्रतिबंध 5 साल के लिए बढ़ा
गृह मंत्रालय ने गुरपतवंत सिंह पन्नू की ओर से स्थापित खालिस्तान समर्थक समूह सिख फॉर जस्टिस पर बीते दिनों प्रतिबंध 5 साल के लिए बढ़ा दिया। अधिसूचना में कहा कि एसएफजे को पांच साल पहले गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया था। केंद्र सरकार की राय है कि एसएफजे उन गतिविधियों में लिप्त है जो देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं। यह पंजाब और अन्य जगहों पर राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल है। इनका उद्देश्य भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाना है। SFJ आतंकवादी संगठनों के साथ निकट संपर्क में है। यह भारत के क्षेत्र से संप्रभु खालिस्तान बनाने के लिए पंजाब और अन्य जगहों पर चरमपंथ और चरमपंथ के हिंसक रूप का समर्थन कर रहा है।