कर्नाटक जमीन घोटाले में नया मोड़, CM सिद्धारमैया पर सबूत नष्ट करने का आरोप; दर्ज हुई नई शिकायत
सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ एक और शिकायत दर्ज की गई है। इस बार उन पर जमीन घोटाले से जुड़े सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगाया गया है
कर्नाटक जमीन घोटाला मामले में हर रोज नया मोड़ सामने आ रहा है। इस मामले में अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ एक और शिकायत दर्ज की गई है। इस बार उन पर जमीन घोटाले से जुड़े सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगाया गया है, जिसमें उनकी पत्नी बीएन पार्वती का नाम भी शामिल है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट की मानें तो यह शिकायत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में प्रदीप कुमार ने दर्ज कराई है, जो पहले से ही मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) मामले में शिकायतकर्ता हैं। शिकायत में सिद्धारमैया के बेटे यथींद्र का भी जिक्र किया गया है। इसमें दावा किया गया है कि MUDA के अधिकारियों की मिलीभगत से घोटाले के सबूतों को जानबूझकर नष्ट किया गया। प्रदीप कुमार ने मामले की गहन जांच की मांग की है।
यह आरोप तब सामने आया जब सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती ने मैसूर के प्रमुख इलाकों में स्थित विवादास्पद जमीनों को वापस करने की पेशकश की थी। ये जमीनें पिछले कुछ समय से घोटाले के केंद्र में थीं। MUDA ने पार्वती की पेशकश को स्वीकार कर लिया है और जमीनों को वापस लेने के लिए सहमति दी है। सिद्धारमैया ने इस फैसले को उनकी पत्नी का स्वतंत्र निर्णय बताया और आरोप लगाया कि यह पूरा विवाद राजनीतिक साजिश का हिस्सा है।
MUDA मामले का संबंध मैसूर के विजयनगर चरण 3 और 4 में स्थित 14 प्लॉटों से है, जो पार्वती को क्षतिपूर्ति के रूप में दिए गए थे। यह जमीन केसारे गांव में 3.16 एकड़ भूमि के बदले में आवंटित की गई थी। इस मामले में राज्य को 45 करोड़ रुपये का नुकसान होने का आरोप है, जिसे एक भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता ने उजागर किया और शिकायत दर्ज कराई।
इस मामले ने कर्नाटक की राजनीति में भूचाल ला दिया है, जहां बीजेपी ने सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग की है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के खिलाफ लोकायुक्त को कार्रवाई की अनुमति दे दी है। वहीं, सिद्धारमैया ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है और पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है।