नई हज नीति पेश; सरकारी कोटा घटाकर 70 प्रतिशत हुआ, महिलाओं को लेकर क्या फैसला
- इस साल आई हज नीति के तहत यह फैसला भी किया गया है कि 65 वर्ष या इससे अधिक आयुवर्ग के लोगों के साथ हजयात्रा पर कोई साथी भी जाएगा। बिना ‘मेहरम’ वाली महिलाओं को पूर्व की भांति प्राथमिकता मिलती रहेगी।
केंद्र सरकार ने नई हज नीति पेश कर दी है। इसके तहत अब कुल हज कोटे का 70 प्रतिशत भारतीय हज कमेटी के पास होगा, जबकि 30 प्रतिशत निजी टूर ऑपरेटर (HGO) के अधीन होगा। इससे पहले की हज नीति के तहत सरकारी कोटा 80 प्रतिशत होता था, जिसे इस बार 10 प्रतिशत कम किया गया है। निजी टूर ऑपरेटर के कोटे में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। भारत और सऊदी अरब के बीच हर साल होने वाले हज समझौते के तहत कोटे का निर्धारण होता है।
नई हज नीति में कहा गया, 'भारत सरकार और सऊदी अरब के बीच हर साल हस्ताक्षर किए जाने वाले हज समझौते में हज कोटे से जुड़ी संख्या भारत को आवंटित की जाती है। कोटा की कुल संख्या में से 70 प्रतिशत हज कमेटी को आवंटित किया जाएगा, जबकि 30 प्रतिशत एचजीओ को आवंटित किया जाएगा।' इस साल आई हज नीति के तहत यह फैसला भी किया गया है कि 65 वर्ष या इससे अधिक आयुवर्ग के लोगों के साथ हजयात्रा पर कोई साथी भी जाएगा। बिना ‘मेहरम’ वाली महिलाओं को पूर्व की भांति प्राथमिकता मिलती रहेगी।
हज 2024 के सभी भारतीय हज यात्री सुरक्षित लौटे
बता दें कि हज 2024 के सभी भारतीय हज यात्री सुरक्षित घर वापस पहुंच चुके हैं। इनमें से 95 प्रतिशत से अधिक हज यात्रियों ने सऊदी अरब में हज कमिटी ऑफ इंडिया और भारत के महावाणिज्य दूतावासद्वारा की गई व्यवस्थाओं पर संतोष जताया। साथ ही, भारत सरकार विशेषकर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का शुक्रिया अदा किया । दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डा पर हज कमिटी ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. लियाकत अली अफाकी ने हज यात्रियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की विशेष निगरानी के कारण हज 2024 कई मायनों में अनुकरणीय रहा। उन्होंने कहा कि हज 2024 में पहली बार भारतीय हज यात्रियों को सुविधाओं के मामले में कई नायाब तोहफे मिले हैं। मदीना में 95 प्रतिशत से अधिक भारतीय हज यात्रियों को मस्जिद नबवी के बहुत करीब ठहराया गया था।