Hindi Newsदेश न्यूज़Navy will get strength from Rafale and Scorpion submarine why is PM Modi visit to France necessary

राफेल की गरज, स्कॉर्पीन की धार, PM मोदी का फ्रांस दौरा कैसे करेगा दुश्मनों पर वार

  • फ्रांस यात्रा के दौरान पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच रक्षा सहयोग से जुड़े कई अहम समझौतों पर चर्चा होगी। बताया जा रहा है कि इन सौदों को 31 मार्च से पहले अंतिम रूप देने की योजना बनाई गई है।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानTue, 4 Feb 2025 10:25 AM
share Share
Follow Us on
राफेल की गरज, स्कॉर्पीन की धार, PM मोदी का फ्रांस दौरा कैसे करेगा दुश्मनों पर वार

समुद्र की लहरों पर गरजते राफेल-एम लड़ाकू विमान और गहराइयों में दुश्मनों की हलचल पर पैनी नजर रखती स्कॉर्पीन पनडुब्बियां भारतीय नौसेना को अजेय बना रही हैं। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फ्रांस दौरा इन दो घातक युद्धक क्षमताओं को और मजबूती देने वाला है। 26 राफेल-एम और तीन स्कॉर्पीन-श्रेणी की पनडुब्बियों की खरीद को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है। यह रक्षा सौदे भारतीय नौसेना और वायुसेना की ताकत में बड़ा इजाफा करेंगे।

समुद्र से आसमान तक भारत की ताकत में इजाफा

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांस यात्रा के दौरान पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच रक्षा सहयोग से जुड़े कई अहम समझौतों पर चर्चा होगी। बताया जा रहा है कि इन सौदों को 31 मार्च से पहले अंतिम रूप देने की योजना बनाई गई है। आने वाले हफ्तों में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) इन सौदों को मंजूरी दे सकती है।

भारतीय नौसेना अपने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य के लिए राफेल-एम फाइटर जेट्स का इंतजार कर रही है। ये उन्नत विमान भारतीय नौसेना की युद्धक क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। इसके अलावा, तीन स्कॉर्पीन-श्रेणी की पनडुब्बियों को भी नौसेना में शामिल किया जाएगा। इनका निर्माण भारत के मजगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड और फ्रांस की नेवल ग्रुप के सहयोग से किया जाएगा।

समुद्री निगरानी को मिलेगा और बढ़ावा

नौसेना के लिए रक्षा सौदों की फेहरिस्त यहीं खत्म नहीं होती। भारत को अमेरिका से एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन मिलने भी तय हैं, जिनकी डिलीवरी 2029 तक शुरू हो सकती है। गौरतलब है कि भारतीय नौसेना पहले से ही 2020 में अमेरिका की जनरल एटॉमिक्स से लीज पर लिए गए दो एमक्यू-9ए ड्रोन का संचालन कर रही है। इन ड्रोनों से समुद्री निगरानी की क्षमता कई गुना बढ़ गई है।

अन्य रक्षा सौदों पर भी तेजी

इन सौदों के अलावा, सरकार 307 एडवांस्ड टोवड आर्टिलरी गन सिस्टम की खरीद को भी वित्तीय वर्ष के अंत तक अंतिम रूप देने की कोशिश में है। यह पहल 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत भारतीय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगी।

रक्षा क्षेत्र में भारत की तेजी से बढ़ती ताकत

राफेल-एम की गूंज, स्कॉर्पीन की गहराइयों से निकलती ताकत और प्रीडेटर ड्रोन की निगरानी क्षमता भारतीय नौसेना और वायुसेना को पहले से कहीं ज्यादा मजबूत बनाएगी। पीएम मोदी का फ्रांस दौरा आने वाले वर्षों में भारत की रक्षा नीति को नया आयाम देने वाला साबित हो सकता है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें