नवजोत सिंह सिद्धू पत्नी के साथ कहां घूमने निकले, कैंसर से उबरने के बाद पहली यात्रा
- Navjot Singh Sidhu: इन दिनों नवजोत सिंह सिद्धू सुर्खियों में हैं। पत्नी नवजोत कौर के कैंसर के उबरने के बाद उन्हें लेकर सिद्धू पहली बार यात्रा पर निकले हैं।
Navjot Singh Sidhu: इन दिनों नवजोत सिंह सिद्धू सुर्खियों में हैं। पत्नी नवजोत कौर के कैंसर के उबरने के बाद उन्हें लेकर सिद्धू पहली बार यात्रा पर निकले हैं। यह दोनों हरिके पत्तन पहुंचे हैं, जिसे उत्तर भारत का सबसे बड़ा वेटलैंड कह जाता है। जहां भारत की करीब-करीब सभी नदियां समुद्र में जाकर गिरती हैं, वहीं पंजाब की सतलुज और ब्यास नदियां यहां पर आकर संगम करती हैं। सिद्धू इस वीडियो में अपनी पत्नी के साथ मस्ती और चुहल करते नजर आते हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले सिद्धू का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि कुछ खास डाइट प्लान के दम पर उनकी पत्नी ने कैंसर को मात दे दी। इसको लेकर उन्हें डॉक्टरों से नोटिस भी मिल चुकी है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने यह वीडियो अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है। वीडियो में दोनों वॉटरबोट पर बैठे नजर आ रहे हैं। इस दौरान सिद्धू अपनी पत्नी से रोमांटिक अंदाज में हरिके पत्तन जाने के लिए पूछते हैं। इस पर उनकी पत्नी कहती हैं वहां जाकर क्या करेंगे। तब सिद्धू कहते हैं, ‘झूमेंगे, नाचेंगे, ऐश करेंगे और क्या...’ आगे सिद्धू हरिके पत्तन के बारे में बताते हैं। वह कहते हैं, दोस्तों, आपने रुद्रप्रयाग में संगम देखा होगा। आपने हरिद्वार में पवित्र संगम देखा होगा।
सिद्धू आगे बताते हैं कि पंजाब की दो बड़ी नदियां, ब्यास और सतलुज यहां पर आकर मिलती हैं। इसे नॉर्थ इंडिया का सबसे बड़ा वेटलैंड कहते हैं, जहां पता नहीं कितनी किस्म के लाखों पक्षी आते हैं। सिद्धू कहते हैं कि यह बहुत ही पवित्र जगह है। बाबा नानक ने जहां पर मूल मंत्र का उच्चारण किया था, वह कालेंबेई भी यहां से चार-पांच किमी दूर है। बाबा नानक उस जगह पर लगातार जाया करते थे।
क्या है हरिके पत्तन
तरनातरन जिले के हरिके गांव और पत्तन से मिलकर इसका नाम हरिके पत्तन पड़ गया है। पत्तन का अर्थ होता है जलधारा का किनारा। यह वेटलैंड पंजाब के तीन जिलों तारनातरन साहिब, फिरोजपुर और कपूरथला में फैला हुआ है। 1982 में हरिके वेटलैंड को पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया। तब 8600 हेक्टेयर के विस्तारित क्षेत्र के साथ इसका नाम हरिके पत्तन पक्षी अभयारण्य रखा गया। सर्दियों के मौसम में यहां पर पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियां प्रवास करने आती हैं।
ऐसे पहुंच सकते हैं हरिके पत्तन वेटलैंड
हरिके वेटलैंड अमृतसर से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां पर बाई रोड आसानी से जा सकते हैं। अमृतसर से किराये पर गाड़ियां उपलब्ध होती हैं और करीब डेढ़ से दो घंटे में यह आपको वहां पहुंचा देंगे। इसके अलावा बसों और टैक्सियों की सुविधा भी मौजूद है। बर्ड सेंचुरी में घूमने के लिए नाव और साइकिल किराए पर मिलती हैं।