मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद भी सांसद पठान जमीन से गायब, TMC में ही विरोध शुरू
- वक्फ ऐक्ट को लेकर मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के बाद पश्चिम बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी की काफी किरकिरी हो रही है। ऐसे में बहरामपुर से सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान का जमीन से नदारद रहना विपक्षी पार्टियों से लेकर टीएमसी में भी विरोध के स्वर उठा रहा है।

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन ऐक्ट को लेकर हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई। हिंसा के बाद मुर्शिदाबाद क्षेत्र से कई लोगों ने पलायन शुरू कर दिया। इस हिंसा और पलायन से राज्य में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस की सरकार की काफी किरकिरी हुई। राज्य की विपक्षी पार्टियां इस मामले में लगातार ममता बनर्जी पर हमलावर रहीं। ऐसे में पार्टी को अपने सांसद यूसुफ पठान की जमीन पर कमी काफी अखर रही है। क्रिकेटर से राजनेता बने युसुफ पठान को भी कुछ दिन पहले ही अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ा था।
बहरामपुर संसदीय क्षेत्र से चुनकर संसद पहुंचे यूसुफ पठान की क्षेत्र में अनुपस्थिति को लेकर पार्टी के भीतर ही विरोध भी शुरू हो गया है। हालांकि यूसुफ पठान के संसदीय क्षेत्र में कोई हिंसा की घटना नहीं हुई है लेकिन उनका क्षेत्र भी उसी जिले का हिस्सा है, जिसमें यह हिंसा हुई है। आपको बता दें कि मुर्शिदाबाद जिलें में जंगीपुर, मुर्शिदाबाद और बहरामपुर लोकसभा क्षेत्र आते हैं। इन क्षेत्रों में क्रमशः टीएमसी के ही खलीलपुर रहमान, अबू ताहिर खान और यूसुफ पठान सांसद हैं।
ऐसे में यूसुफ पठान की जमीन पर अनुपस्थिति ने न केवल विपक्षी पार्टियों बल्कि साथी सांसदों को भी परेशान कर दिया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मुर्शिदाबाद के सांसद अबू ताहिर खान ने पठान की जमीनी स्तर पर गैर मौजूदगी को लेकर कहा कि उनका जमीन पर न होना एक जनता और कार्यकर्ताओं के बीच में गलत संदेश लेकर गया है। वह राजनीति में नए हैं.. वह इससे दूर रहने का विकल्प चुन सकते हैं लेकिन यह लोगों के बीच में गलत संदेश लेकर जाता है.. पठान के अलावा जिले के हम दोनों सांसद और हमारे कार्यकर्ता जमीन पर मौजूद हैं और लोगों की मदद कर रहे हैं।
सांसद ने कहा कि पार्टी की तरफ से शमशेरगंज में सभी पक्षों के बीच में शांति वार्ता हुई थी। मैं 100 किलोमीटर की यात्रा करके वहां पहुंचा था। खलीलुर रहमान के साथ-साथ वहां पर हमारे विधायक भी मौजूद थे लेकिन पठान वहां पर नहीं थे। कोई भी नेता ऐसे समय में यह नहीं कह सकता कि मेरे क्षेत्र में ऐसा नहीं हुआ इसलिए मैं नहीं आ सकता।
इसके अलावा कई और टीएमसी नेताओं ने भी पठान की जमीन पर न उतरने के लिए आलोचना की। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भी पठान की चाय वाली पोस्ट को लेकर उनकी काफी आलोचना की थी।