यूक्रेनी नागरिक निकले पॉन्जी स्कीम के मास्टरमाइंड, जांच में चौंकाने वाले खुलासे
- मुंबई चल रही एक पॉन्जी स्कीम को लेकर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। इस इस पॉन्जी स्कीम में यूक्रेन के दो लोग शामिल थे, जिसमें एक महिला थी।
मुंबई चल रही एक पॉन्जी स्कीम को लेकर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। इस इस पॉन्जी स्कीम में यूक्रेन के दो लोग शामिल थे, जिसमें एक महिला थी। इन दोनों यूक्रेनी नागरिकों के नाम आर्टम और ओलेना स्टोइन हैं। टोरेस ज्वैलरी नाम की इस जालसाजी में मुंबई के सैकड़ों लोगों से बड़े रिटर्न का वादा करके निवेश कराया गया, लेकिन उन्हें हकीकत में कुछ नहीं मिला। मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा इस मामले की जांच कर रही है। पुलिस दोनों की तलाश कर रही है। पुलिस के मुताबिक इन दोनों ने साजिश में बड़ी भूमिका निभाई थी। साथ ही लोगों को जेम स्टोन्स, गोल्ड और सिल्वर में निवेश का लालच दिया थ।
जांच टीम उन 14 कारों को लेकर भी जांच कर रही है, जो निवेशकों को लकी ड्रॉ के रूप में दी गई थीं। सूत्रों का कहना है कि इन कारों को देने का मकसद यह था कि अधिक से अधिक ग्राहकों को पोंजी स्कीम में निवेश के लिए ललचाया जा सके। लेकिन पिछले हफ्ते इस पोंजी स्कीम में पैसे लगाने वाले दुनिया के सैकड़ों निवेशकों को झटका लगा था। यह झटका तब लगा जब टोरेस ज्वैलरी चेन की छह स्टोर्स अचानक से बंद हो गए। इस ज्वैलरी चेन ने बड़े रिटर्न का वादा करके करोड़ों का निवेश कराया था। पुलिस ने शिकायत के आधार पर होल्डिंग फर्म प्लेटिनम हर्न प्राइवेट लिमिटेड, इसके दो डायरेक्टर्स, सीईओ, जनरल मैनेजर और स्टोर इंचार्ज के खिलाफ केस दर्ज किया है। इन लोगों पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने का आरोप है।
क्या थी यह स्कीम
टोरेस आउटलेट पिछले साल फरवरी में मुंबई में छह जगहों पर खुले। यहां पर जेमस्टोन ज्वैलरी बेची जाती थी और बोनस स्कीम का ऑफर भी होता था। इस स्कीम के तहत एक लाख रुपए का निवेश करने वालों को मॉजेनाइट का 10 हजार कीमत वाला पेंडेंट मिलता था। लेकिन अब कस्टमर्स को अहसास हो रहा है कि असल में यह स्टोन्स नकली थे। इसके अलावा ग्राहकों को उनके निवेश पर पूरे 52 हफ्ते छह परसेंट का इंट्रेस्ट देने का भी वादा किया गया था। बाद में इसे बढ़ाकर 11 परसेंट कर दिया गया। लोगों का कहना है कि पिछले साल उन्हें यह पैसे मिले थे, लेकिन दो महीने पहले यह रोक दिया गया।
सात दिन पहले टोरेस ने यूट्यूब पर एक वीडियो पोस्ट किया था। इसमें बताया गया था कि पांच जनवरी से पहले निवेश पर 11 फीसदी का रिटर्न दिया जाएगा, इसके बाद रेट नीचे चला जाएगा। कंपनी ने कैश पेमेंट पर .5 फीसदी के एक्स्ट्रा इंट्रेस्ट का भी वादा किया। इससे आकर्षित होकर बड़ी संख्या में लोगों ने जमकर निवेश किया। लेकिन छह जनवरी को जब सभी स्टोर्स पर ताला लग या तो लोगों को एहसास हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है।
किसने किया है निवेश
इस पॉन्जी स्कीम में निवेश करने वालों में बड़ी संख्या में लोवर मिडिल क्लास के लोग हैं। इसमें सब्जी विक्रेताओं से लेकर तमाम छोटे व्यापारी शामिल हैं। इन सभी को बड़े रिटर्न का लालच दिया गया था। बताया जा रहा है कि इस स्कीम में लोगों ने हजार से लेकर करोड़ों रुपए तक का निवेश किया है। जिन सात लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, उन्होंने 13 करोड़ रुपए लगाए थे। एनडीटीवी के मुताबिक एक इन्वेस्टर ने बताया कि उसने कंपनी का जीएसीटी और सीआईएन नंबर देखकर भरोसा किया था। उन्होंने कहाकि लग रहा था कि सबकुछ सिस्टमैटिक है तो सरकार को पता होगा।
कंपनी का क्या कहना है
पिछले हफ्ते कंपनी ने इसके ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो अपलोड किया है। इसमें दावा किया गया है कि सीईओ ने तख्तापलट की योजना के साथ कंपनी के शोरूम में डकैती करवाई। इसके मुताबिक सीईओ तौसीफ रियाज और चीफ एनालिस्ट अभिषेक गुप्ता ने यह योजना बनाई थी और टोरेस के स्टोर्स में लूट को अंजाम दिया। वीडियो में बहुत से लोग स्टोर्स में तोड़-फोड़ और लूट करते दिखाई दे रहे हैं।