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इंडिया आउट का नारा हमारा नहीं; मुइज्जू के मंत्री का यू-टर्न, किसे बताया भारत का विलेन

  • साल 2023 के चुनावी अभियान के दौरान राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत विरोधी इंडिया आउट नारे को हवा दी थी, अब वे उस रुख से पूरी तरह पलट गए हैं। मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने भारत दौरे पर बयान दिया कि यह अभियान का उनकी सरकार से कोई संबंध नहीं है।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानSun, 5 Jan 2025 06:59 PM
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मालदीव में चीनपरस्त राजनीति के दम पर सत्ता में आए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अब भारत के साथ मजबूत रिश्ते बनाने की कोशिश में जुट गए हैं। साल 2023 के चुनावी अभियान के दौरान राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत विरोधी 'इंडिया आउट' नारे को हवा दी थी, अब वे उस रुख से पूरी तरह पलट गए हैं। मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने भारत दौरे पर बयान दिया कि 'इंडिया आउट' अभियान का उनकी सरकार से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने इस विवादास्पद अभियान के लिए पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को जिम्मेदार ठहराया।

'इंडिया आउट' के लिए यामीन को ठहराया जिम्मेदार

WION के साथ एक इंटरव्यू में खलील ने स्पष्ट किया कि पूर्व राष्ट्रपति यामीन और उनकी पार्टी ने 'इंडिया आउट' आंदोलन का नेतृत्व किया था। उन्होंने कहा, “यामीन हमसे पूरी तरह अलग हैं। उनकी अपनी पार्टी है और वे आज भी उसी एजेंडे पर काम कर रहे हैं। हमारी सरकार भारत और भारतीय लोगों के साथ मजबूत रिश्ते बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

भारत के साथ रिश्तों की नई इबारत

अब्दुल्ला खलील भारत दौरे पर कई समझौतों पर हस्ताक्षर करने और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने आए थे। उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ मुलाकात की और मालदीव में भारत द्वारा वित्त पोषित विकास परियोजनाओं के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। इनमें उच्च सामुदायिक प्रभाव वाली परियोजनाएं और मालदीव के आर्थिक ढांचे को स्थिर करने वाले समझौते शामिल हैं। खलील ने इस यात्रा के दौरान कहा, "भारत की सुरक्षा को हम अपनी सुरक्षा मानते हैं। भारतीय महासागर क्षेत्र की स्थिरता हमारी प्राथमिकता है। भारत-मालदीव का रिश्ता इतिहास में कभी इतना मजबूत नहीं रहा।"

मुइज्जू सरकार का यू-टर्न

चीन के करीब दिखने वाले मुइज्जू ने अब भारत के साथ रिश्तों को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है। यह यू-टर्न इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मालदीव की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा भारत के सहयोग पर काफी हद तक निर्भर करती है। खलील ने बताया कि भारत ने मालदीव को 400 मिलियन डॉलर की मुद्रा विनिमय सुविधा उपलब्ध कराई, जो देश की वित्तीय स्थिति को सुधारने में सहायक रही है।

'इंडिया आउट' आंदोलन को लेकर खलील ने कहा कि यह विवाद अब बीते दिनों की बात है। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति यामीन के विचार और नीतियां अब मालदीव सरकार की प्राथमिकताओं का हिस्सा नहीं हैं।

भारत के महत्व को किया स्वीकार

विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत और मालदीव के बीच पर्यटन और कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने भारतीय पर्यटकों और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नई योजनाओं का जिक्र किया। मालदीव की मौजूदा सरकार, जो कभी भारत विरोधी तेवर दिखाती थी अब भारत के साथ "मित्रवत" संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के प्रयास में जुटी है। यह बदलाव इस बात का संकेत है कि राष्ट्रपति मुइज्जू ने अपनी सीमाएं और वास्तविकता को समझ लिया है। भारत के साथ संबंध सुधारना न केवल मालदीव की सुरक्षा बल्कि उसकी आर्थिक स्थिरता के लिए भी आवश्यक है।

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