मणिपुर में सैटेलाइट इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे उग्रवादी? स्टारलिंक डिवाइस जब्त, एलन मस्क दे रहे सफाई
- भारतीय सेना के स्पियर कोर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जब्त की गई चीजों की तस्वीरें साझा की थीं जिसके बाद एक यूजर ने इस पर ध्यान दिया कि उनमें से एक उपकरण पर ‘स्टारलिंक का लोगो’ था।
मणिपुर के इंफाल ईस्ट जिले में हाल ही में सुरक्षा बलों ने दो स्टारलिंक उपकरण जब्त किए हैं। इस घटना के बाद से पूर्वोत्तर राज्य में सैटेलाइट इंटरनेट के इस्तोमाल को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि इन अटकलों के बीच, स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क ने स्पष्ट किया है कि भारत में स्टारलिंक सैटेलाइट बीम सक्रिय नहीं हैं। ‘स्पेसएक्स’ के संस्थापक एलन मस्क ने कहा कि भारत के ऊपर ‘स्टारलिंक’ के ‘सैटेलाइट बीम’ बंद कर दिए गए हैं।
भारतीय सेना के स्पियर कोर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जब्त की गई चीजों की तस्वीरें साझा की थीं जिसके बाद एक यूजर ने इस पर ध्यान दिया कि उनमें से एक उपकरण पर ‘स्टारलिंक का लोगो’ था। इस ओर ध्यान आकर्षित करते हुए एक यूजर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘स्टारलिंक का इस्तेमाल आतंकवादियों द्वारा किया जा रहा है। आशा है कि एलन मस्क इस पर ध्यान देंगे और इस तकनीक के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने में मदद करेंगे।’’ मस्क ने जवाब दिया, ‘‘यह गलत है। भारत के ऊपर स्टारलिंक के सैटेलाइट बीम बंद कर दिए गए हैं।’’ मस्क ने कहा कि वे असल में कभी ऑन ही नहीं थे।
राज्य पुलिस के अनुसार, केराओ खुनौ से जब्त की गई सामग्री में ‘‘एक इंटरनेट सैटेलाइट एंटीना, एक इंटरनेट सैटेलाइट राउटर और 20 मीटर (लगभग) एफटीपी तार’’ शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि स्टारलिंक जैसे उपकरण की बरामदगी के बाद एजेंसियों ने इस बात की जांच शुरू कर दी कि यह उपकरण हिंसाग्रस्त राज्य में कैसे पहुंचा। सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने वाली मस्क की कंपनी स्टारलिंक के पास भारत में काम करने का लाइसेंस नहीं है।
उग्रवादी समूहों द्वारा डिवाइस का इस्तेमाल
न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, सेना के दो अधिकारियों ने गुमनाम रूप से बताया कि जब्त किया गया डिवाइस एक उग्रवादी समूह द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा था। उनकी आशंका है कि यह उपकरण म्यांमार के साथ लगी सीमा के जरिए तस्करी करके लाया गया होगा। म्यांमार में लंबे समय से जारी गृहयुद्ध के दौरान स्टारलिंक उपकरणों के इस्तेमाल की खबरें पहले भी मीडिया में आ चुकी हैं, हालांकि स्टारलिंक वहां भी आधिकारिक रूप से संचालन नहीं करता है।
भारतीय सरकार से अनुमति की प्रक्रिया जारी
स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू करने के लिए सरकार से अनुमति मांग रहा है। कंपनी सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। इस महीने की शुरुआत में भारतीय पुलिस ने स्टारलिंक से एक समुद्री तस्करी मामले में जब्त डिवाइस से संबंधित जानकारी मांगी थी। इस ऑपरेशन में 4.2 बिलियन डॉलर मूल्य की मेथामफेटामाइन के साथ डिवाइस जब्त किया गया था। पुलिस का मानना है कि इस उपकरण का उपयोग नेविगेशन के लिए किया जा रहा था।
जातीय हिंसा का प्रभाव
मणिपुर में मई 2023 से मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच जारी जातीय हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। ऐसी स्थिति में स्टारलिंक डिवाइस की जब्ती ने सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।