इस्तीफा काफी नहीं, धनंजय मुंडे पर भड़के मराठा नेता; बोले- हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए
- मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा है कि सरपंच की हत्या मामले में धनंजय मुंडे का केवल इस्तीफा पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि धनंजय को विधयक पद छोड़ना चाहिए और उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।

मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र के मंत्री के रूप में धनंजय मुंडे का इस्तीफा पर्याप्त नहीं है। उन्होंने मांग की कि सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के लिए उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री और परली से विधायक मुंडे ने अपने करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को बीड सरपंच हत्या मामले में ‘मास्टरमाइंड’ बताए जाने के कुछ दिनों बाद राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।
मुंडे को मंत्रिमंडल से हटाने की विपक्ष की जोरदार मांग के बाद यह इस्तीफा सामने आया है। हत्या की तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद मंगलवार को जरांगे सरपंच के परिवार से मिलने के लिए बीड के मसाजोग गांव पहुंचे। सामाजिक कार्यकर्ता ने गांव में पत्रकारों से कहा, ‘‘सिर्फ मंत्री पद से मुंडे का इस्तीफा स्वीकार करना ही काफी नहीं है। उन्हें विधायक पद से भी इस्तीफा देना चाहिए। उन पर हत्या का भी मामला दर्ज होना चाहिए।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी मुंडे के आदमी थे और जो पैसा वे उगाही करते थे, वो मुंडे के पास जाता था। मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से संबंधित भयावह तस्वीरें और अदालती आरोपपत्र का विवरण सामने आने के बाद विपक्ष ने मुंडे के इस्तीफे की मांग तेज कर दी। इन तस्वीरों और अदालती आरोपपत्र में हत्या से पहले की गई क्रूरता का खुलासा हुआ है।
देशमुख को पिछले साल नौ दिसंबर को कथित तौर पर जिले में एक ऊर्जा कंपनी को निशाना बनाकर की जा रही जबरन वसूली के प्रयास को रोकने की कोशिश करने पर अगवा कर लिया गया और प्रताड़ित किया गया था। इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई। राज्य अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) ने 27 फरवरी को देशमुख की हत्या और दो संबंधित मामलों में बीड जिले की एक अदालत में 1,200 से अधिक पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया।
जरांगे ने कहा, ‘‘अब एकमात्र काम बीड में जबरन वसूली करने वाले गिरोह को खत्म करना है। हालांकि, कुछ लोगों को केवल पैसे और प्रतिष्ठा से प्यार है और वे इसके लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। संतोष देशमुख के भाई धनंजय देशमुख को तब तक लड़ना होगा जब तक कि आरोपियों को इस अपराध के लिए फांसी नहीं मिल जाती।’’ मारे गए सरपंच के भाई धनंजय ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में उन्होंने जो कुछ झेला है, उसे व्यक्त नहीं किया जा सकता और इस घटना ने उन्हें तोड़कर रख दिया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ नेताओं ने बीड के पिछले पुलिस अधीक्षक से मामले को दबाने के लिए कहा था।