हिंसा की आग में फिर धधकने लगा मणिपुर, CM के घर को भी बनाया निशाना; इस्तीफा दे सकते हैं 19 MLA
- मणिपुर में हालात एक बार फिर बेकाबू हो गए हैं। ऐसे में सात जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और कई जगहों पर कर्फ्यू लगा दिया गया है। अब 19 विधायक एक साथ इस्तीफा देने का प्लान भी बना रहे हैं।
मणिपुर के कई जिलों में हिंसा के चलते हालात एक बार फिर बेकाबू हो गए हैं। जिरिबाम से मैतेई परिवार के 6 सदस्यों के अपहरण और फिर तीन शव मिलने के बाद यहां हिंसा भड़क गई। इसके बाद सात जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई और कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं राज्य सरकार ने केंद्र से कहा है कि मणिपुर के कुछ हिस्से में फिर से लगाया गया AFSPA हटा लिया जाए।
प्रदर्शनकारियों ने मणिपुर सरकार के दो मंत्रियों सपम रंजन लांफेल (बीजेपी) और एल सुसिंद्रो सिंह (बीजेपी) के साथ पांच विधायकों को निशाना बनाने की कोशिश की। भीड़ ने उनके घरों में आग लगा दी। इन विधायकों में एस कुंजाकेसर, आरके इमो और केएच जॉयकिसन शामिल हैं। दुकानों में आग लगा दी गई और वाहनों को फूंक दिया गया। मामले के जानकारों के मुताबिक मणिपुर के कई अहम मार्गों को जाम कर दिया गया जिससे आवागमन भी बाधित हो गया।
रिपोर्ट यह भी है कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के निजी आवास को भी शनिवार रात आग लगा दी गई। इन हालात को देखते हुए इंफाल वेस्ट डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट थ किरनकुमार और इंफाल ईस्ट डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट खुमांथम दियाना ने पूर्वी इँफाल और पश्चिमी इंफाल के दो इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया। बता दें कि कुछ दिन पहले ही यहां से कर्फ्यू हटाया गया था। आदेश में कहा गया कि बिगड़ती कानून व्यवस्था को देखते हुए कर्फ्यू हटाने का आदेश वापस लिया जाता है। 16 नवंबर से एक बार फिर यहां कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया जाता है।
मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी ने इंफाल वेस्ट और इंफाल ईस्ट, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगकोकपी और चुररचांदपुर जिले में इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश दिया है। बता दें कि मंगलवार को जिरिबाम जिले में एक गांव में उग्रवादियों ने हमला कर दिया था। इसके बाद सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए। एक दिन बाद ही जिरिबाम में दो नागरियों के शव पाए गए। उसी गांव से एक ही परिवार के तीन बच्चों और तीन महिलाओं को अपहरण कर लिया गया।
शुक्रवार को असम की सीमा पर नदी के किनारे दो बच्चों और एक महिला का शव मिला। अंदाजा यही लगाया जा रहा है कि ये शव अपहरण किए गए लोगों का ही है। एक विधायक ने बताया कि कम से कम 19 विधायक इस्तीफा देने का प्लान बना रहे हैं। ऐसी स्थिति में विधायकों की कोई बैठक भी नहीं हो सकती। केंद्र सरकार ने भी 20 अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियों को मणिपुर भेजा है। अब तक इस हिंसा में 240 लोगों की जान जाकी है।