भारत की अखंडता को कोई छू नहीं सकता, मणिपुर के मुख्यमंत्री की दो टूक; मिजोरम CM के अमेरिकी भाषण पर बवाल
- लालदुहोमा पहले भी कह चुके हैं कि मिजोरम और म्यांमार के लोग वर्तमान सीमा को स्वीकार नहीं करते हैं क्योंकि यह ब्रिटिश सरकार द्वारा बिना किसी परामर्श के मिजो लोगों पर थोप दी गई थी।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने गुरुवार को कहा कि देश की अखंडता की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है और राज्य की संप्रभुता को कोई चुनौती नहीं दे सकता। उनकी यह टिप्पणी मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा द्वारा सितंबर में अमेरिका में दिए गए एक बयान पर प्रतिक्रिया स्वरूप आई है। लालदुहोमा ने अमेरिका में 'कुकी-जो' समुदाय की एक सभा में कहा था कि ज़ो समुदाय को एक नेतृत्व के अंतर्गत एकजुट होना चाहिए, भले ही इसके लिए राष्ट्रीय सीमाओं को पार करना पड़े। 'जो' शब्द उत्तर-पूर्व के विभिन्न जातीय समूहों, बांग्लादेश के चिटगांव हिल ट्रैक्ट्स और म्यांमार के चिन राज्य में रहने वाले लोगों को सांस्कृतिक और भाषाई संबंधों के आधार पर एकजुट करता है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एन बीरेन सिंह ने कहा, "मैं किसी के निजी विचारों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन मेरी स्थिति स्पष्ट है – भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखना आवश्यक है। भारत केवल एक देश नहीं है, यह एक महान देश है, और हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए।" मुख्यमंत्री सिंह ने इम्फाल में एक स्कूल समारोह में कहा, "भारत को मजबूत बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है, और जो कोई भी इसे चुनौती देगा, उसे करारा जवाब मिलेगा।"
मिजोरम सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय की वेबसाइट के अनुसार, लालदुहोमा ने अमेरिका में 'जो' प्रवासी समुदाय को संबोधित करते हुए कहा था, "हम एक ही लोग हैं – भाई और बहन – और हमें विभाजित या अलग-अलग रहने का बोझ नहीं उठाना चाहिए। एक दिन हम एक नेतृत्व के अंतर्गत अपने भाग्य की ओर बढ़ेंगे और राष्ट्र के रूप में उभरेंगे।"
मिजोरम, म्यांमार के चिन राज्य के साथ 510 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है और मिजो तथा चिन समुदाय के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंध हैं। लालदुहोमा पहले भी कह चुके हैं कि मिजोरम और म्यांमार के लोग वर्तमान सीमा को स्वीकार नहीं करते हैं क्योंकि यह ब्रिटिश सरकार द्वारा बिना किसी परामर्श के मिजो लोगों पर थोप दी गई थी।