Hindi Newsदेश न्यूज़Mamata government given 24 hours ultimatum doctors to launch hunger strike if demand is heard

घड़ी दिखाकर दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम, ममता सरकार नहीं सुनी तो डॉक्टर्स छेड़ेंगे भूख हड़ताल की जंग

  • जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार को ममता सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। उनका कहना है कि अगर उनकी 10 सूत्रीय मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानSat, 5 Oct 2024 05:17 PM
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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए डॉक्टर के रेप और हत्या की घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार को राज्य सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। उनका कहना है कि अगर उनकी 10 सूत्रीय मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे। खबर लिखे जाने तक डॉक्टरों द्वारा दिए गए समय में अब लगभग 20 घंटे पूरे हो गए हैं। कोलकाता के एस्प्लानेड में विरोध प्रदर्शन के दौरान जूनियर डॉक्टर परिचय पांडा ने कहा, "हमारी मांग बिल्कुल साफ है। हमने सरकार को अस्पतालों की सुरक्षा सुधारने का समय दिया था, लेकिन सरकार इसमें नाकाम रही। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सामने भी स्वीकार किया कि केवल कुछ ही सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि सरकार इस मामले पर चर्चा करने के लिए भी तैयार नहीं है। पांडा ने कहा, "अगर हमारी मांगें 24 घंटे में पूरी नहीं होतीं, तो हम कल से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे। कुछ डॉक्टर यहां रहकर हड़ताल करेंगे, जबकि बाकी डॉक्टर पश्चिम बंगाल की जनता की सेवा करते रहेंगे।"

वहीं उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, सिलीगुड़ी के अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट छात्रों, जूनियर डॉक्टरों और इंटर्न्स ने एक मशाल जुलूस निकाला था। यह विरोध भी कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ था। इसके अलावा कोलकाता में गंगा घाट पर निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने इस घटना के विरोध में दीये जलाकर अपना विरोध जताया।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या की टिप्पणी

इस मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टास्क फोर्स से रिपोर्ट मांगी थी। यह रिपोर्ट डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर आधारित है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा वाली सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने इस घटना पर स्वत: संज्ञान लिया था। कोर्ट ने सुरक्षा उपायों पर कार्रवाई योजना विकसित करने के लिए एक नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया था। इस टास्क फोर्स को यह सुनिश्चित करना था कि स्वास्थ्य संस्थानों में काम करने वाले डॉक्टरों, इंटर्न्स और अन्य स्टाफ के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण हो।

सुप्रीम कोर्ट का ममता सरकार से सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाने, शौचालयों के निर्माण और बायोमेट्रिक सिस्टम लगाने में हुई देरी पर भी सवाल उठाए। सरकार के वकील द्विवेदी ने बताया कि बाढ़ के कारण कुछ देरी हुई है लेकिन 15 अक्टूबर तक काम पूरा हो जाएगा। वहीं, पीड़िता के परिवार के वकील वृंदा ग्रोवर ने कोर्ट को बताया कि सोशल मीडिया पर पीड़िता की पहचान और तस्वीरें अब भी शेयर की जा रही हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को निर्देश दिया कि वे तुरंत ऐसी सभी पोस्ट हटाएं जो पीड़िता की पहचान का खुलासा करती हैं।

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