‘डॉक्टरों को नहीं…’ दिल्ली तक आग वाले बयान पर बवाल के बाद ममता बनर्जी ने दी सफाई
- बुधवार को टीएमसी के एक कार्यक्रम में आक्रामक बयान देने के बाद ममता बनर्जी ने अब उस पर सफाई दी है और कहा है कि उन्होंने डॉक्टरों को धमकी नहीं दी है। ममता ने कल अपने भाषण के दौरान कहा था कि अगर बंगाल जला तो उसकी आग यूपी, बिहार और दिल्ली तक भी पहुंचेगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि उनके बुधवार के भाषण को लेकर उनके खिलाफ उन्हें बदनाम करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना के खिलाफ मेडिकल छात्रों या उनके आंदोलन के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है। इससे पहले ममता बनर्जी ने एक कार्यक्रम में आक्रामक भाषण देते हुए कहा था कि अगर बंगाल जला तो उसकी आग यूपी, बिहार और दिल्ली तक भी पहुंचेगी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबी पोस्ट में अपने ऊपर लगे हिंसा फैलाने के इल्जाम को सरासर गलत बताया है। उन्होंने लिखा, "मैंने कुछ प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में दुष्प्रचार अभियान देखा है जो कल हमारे छात्रों के कार्यक्रम में मेरे भाषण के संदर्भ में चलाया गया है। मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि मैंने छात्रों या उनके आंदोलन के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है। मैं उनके आंदोलन का पूरी तरह से समर्थन करती हूं। उनका आंदोलन स्वभाविक है। मैंने उन्हें कभी धमकी नहीं दी जैसा कि कुछ लोग मुझ पर करने का आरोप लगा रहे हैं। यह आरोप पूरी तरह से झूठा है।”
क्या है पूरा मामला
बुधवार को टीएमसी के छात्र परिषद की स्थापना दिवस की रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा था कि कुछ लोग बंगाल को अशांत करने की साजिश कर रहे हैं। इसके बाद उन्होंने कहा, “याद रखियेगा अगर बंगाल में आग लगाएंगे तो असम भी चुप नहीं बैठेगा, पूर्वोत्तर राज्य भी नहीं थमेंगे, उत्तर प्रदेश, बिहार और उड़ीसा भी शांत नहीं बैठेंगे और दिल्ली भी जलेगा। इसके बाद उन्होंने ऐलान किया कि महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में तृणमूल कांग्रेस 31 अगस्त से राज्य में जमीनी स्तर पर आंदोलन शुरू करेगी।
उन्हें पद पर रहने का कोई हक नहीं- बीजेपी
ममता के इस बयान पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई। पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर कार्रवाई की मांग की और ममता की टिप्पणी की निंदा करते हुए इसे धमकी बताया। सुकांत मजूमदार ने लिखा की ममता को इस तरह के बयान के बाद सीएम पद पर रहने का कोई हक नहीं है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी इस बयान की आलोचना की और एक्स पर लिखा कि एक निर्वाचित मुख्यमंत्री द्वारा हिंसा का आह्वान करना जनता के साथ विश्वासघात है।
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