मालदीव के राष्ट्र्पति की भारत यात्रा रविवार से होगी शुरू, इन तीन शहरों को मिलेगी मेजबानी
- मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू अपनी द्विपक्षीय वार्ता के लिए रविवार को भारत आएंगे। यहां पर उनकी द्विपक्षीय मुलाकात पीएम नरेंद्र मोदी से होगी।
मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू अपनी द्विपक्षीय वार्ता के लिए रविवार को भारत आएंगे। यहां पर उनकी द्विपक्षीय मुलाकात पीएम नरेंद्र मोदी से होगी। इससे पहले मुइज्जू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत आए थे। राष्ट्रपति के रूप में उनका यह दूसरा भारत दौरा होगा। अपनी इस यात्रा की तैयारी करते हुए मुइज्जू ने भारत के पक्ष में कई बयान भी दिए थे। उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ की गई अपने मंत्रियों की टिप्पणी की भी निंदा की थी।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू 6 से 10 अक्टूबर तक भारत के दौरे पर रहेंगे, हालांकि इस कार्यक्रम की अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। उनकी इस यात्रा की मेजबानी दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु को मिलेगी। रिपोर्टे के मुताबिक मुइज्जू 7 अक्तूबर को पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। मुइज्जू की यह भारत यात्रा मालदीव के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भारत सरकार की तरफ से हाल ही में आरबीआई ने मालदीव को मदद मुहैया करवाई थी।
अपनी यात्रा के लिए मंच तैयार करते हुए और अपने पुराने बयानों को दबाने के लिए हाल ही में मुइज्जू भारत से पक्ष में बयान देते हुए देखे गए थे। पीएम मोदी के खिलाफ अपने मंत्रियों की टिप्पणी की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि किसी को भी ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। मैंने इसके खिलाफ कार्रवाई की। मैं इस तरह किसी का भी अपमान स्वीकार नहीं करूंगा, चाहे वह नेता हो या सामान्य व्यक्ति। हर इंसान की एक प्रतिष्ठा होती है
मुइज्जू की छवि भारत विरोधी नेता के तौर पर है। जब वह विपक्ष के नेता के तौर पर काम कर रहे थे तो उनका इंडिया आउट कैंपेन दुनिया भर में प्रसिद्ध हुआ था। राष्ट्र्पति बनने के बाद से ही उन्होंने भारत विरोधी नीतियों को बनाया। मुइज्जू ने भारत सरकार से मालदीव में से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा, जिसके बाद वहां पर मालदीव की मदद के लिए भेजे गए सैनिकों को वापस बुला लिया गया।परंपरा अनुसार मालदीव में चुने गए कोई भी राष्ट्र्पति भारत की यात्रा करता है लेकिन मुइज्जू ने भारत की जगह तुर्किए को चुना, वह बाद में चीन भी गए लेकिन भारत नहीं आए। उनका पहला दौरा तब हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान उन्हें बुलाया।