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आंध्र प्रदेश के सिंहाचलम मंदिर में दीवार गिरने से बड़ा हादसा, 8 श्रद्धालुओं की मौत

भारी बारिश के कारण एक दीवार कतार मार्ग के पास स्थित एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के पास अचानक ढह गई। बताया जा रहा है कि दीवार नई बनी थी और बारिश के चलते मिट्टी ढीली हो जाने से यह हादसा हुआ।

Himanshu Jha हिन्दुस्तान टाइम्स, श्रीनिवास राव अप्पारासु, हैदराबादWed, 30 April 2025 08:11 AM
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आंध्र प्रदेश के सिंहाचलम मंदिर में दीवार गिरने से बड़ा हादसा, 8 श्रद्धालुओं की मौत

आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध श्री वराह लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में बुधवार तड़के एक दर्दनाक हादसे में कम से कम आठ श्रद्धालुओं की मौत हो गई। इस दुखद दुर्घटना में चार गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा उस वक्त हुआ जब ‘चंदनोत्सवम्’ के अवसर पर ‘निजरूप दर्शन’ के लिए श्रद्धालु कतार में खड़े थे। आपको बता दें कि इस मंदिर को सिंहाचलम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

घटना तड़के करीब 2:30 बजे घटी। भारी बारिश के कारण एक दीवार कतार मार्ग के पास स्थित एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के पास अचानक ढह गई। बताया जा रहा है कि दीवार नई बनी थी और बारिश के चलते मिट्टी ढीली हो जाने से यह हादसा हुआ।

राज्य की गृह मंत्री वंगलापुडी अनीता ने मौके पर पहुंचकर घटना का जायजा लिया और बताया कि यह दुर्घटना भारी बारिश और श्रद्धालुओं के दबाव के कारण हुई। उन्होंने कहा, “श्रद्धालु 300 रुपये के विशेष दर्शन टिकट के साथ कतार में खड़े थे। दीवार बारिश के कारण पानी से भीग चुकी थी और कमजोर हो चुकी थी।”

घटना की सूचना मिलते ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। विशाखापत्तनम के जिला कलेक्टर हरेन्धिर प्रसाद और पुलिस आयुक्त शंख ब्रत बागची भी मौके पर मौजूद हैं और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

तीन महिलाओं की मौत की पुष्टि हुई है और शवों को किंग जॉर्ज अस्पताल, विशाखापत्तनम भेज दिया गया है। घायलों का इलाज भी वहीं चल रहा है।

आपको बता दें कि चंदनोत्सवम् पर्व सिंहाचलम मंदिर का वार्षिक पर्व है, जिसमें भगवान नरसिंह स्वामी को वर्ष में एक बार चंदन लेप हटाकर उनके ‘निज रूप’ में भक्तों को दर्शन कराए जाते हैं। यह अवसर हजारों श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत शुभ और दुर्लभ माना जाता है। मंगलवार देर रात 1:00 बजे ‘सुप्रभात सेवा’ के साथ भगवान को जागाया गया और विशेष चांदी के उपकरणों से चंदन लेप हटाकर निज रूप दर्शन कराया गया। इसके बाद विधिवत अभिषेक और अन्य वैदिक अनुष्ठान संपन्न हुए।

परंपरागत रूप से मंदिर के उत्तराधिकारी ट्रस्टी पुषपति अशोक गजपति राजू और उनके परिवार को पहले दर्शन कराए गए और उन्होंने चंदन अर्पण की पहली पूजा की। राज्य सरकार की ओर से राजस्व मंत्री अनगानी सत्य प्रसाद ने भगवान को रेशमी वस्त्र भेंट किए।

राज्य सरकार ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता देने की घोषणा की गई है।

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