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रणवीर इलाहाबादिया के समर्थन में उतरी थीं, राखी सावंत को भी पुलिस का समन

  • यूट्यूब शो के दौरान अश्लील टिप्पणी करने को लेकर रणवीर इलाहाबादिया के मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने राखी सावंत को भी समन भेजा है। उन्होंने इलाहाबादिया के शो का समर्थन भी किया था।

Ankit Ojha भाषाFri, 21 Feb 2025 04:13 PM
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रणवीर इलाहाबादिया के समर्थन में उतरी थीं, राखी सावंत को भी पुलिस का समन

यूट्यूब शो ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ से जुड़े मामले की जांच कर रही महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने अभिनेत्री राखी सावंत को बयान दर्ज करने के लिए तलब किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। नोडल एजेंसी ने कॉमेडियन समय रैना द्वारा होस्ट किए गए शो में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए ‘कंटेंट क्रिएटर’ रणवीर इलाहाबादिया और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। राखी सावंत ने इलाहाबादिया का समर्थन करते हुए कहा था, उसे माफ कर दो यार। कई बार हो जाता है। मुझे पता है कि उसने गलत किया है लेकिन अब उसे माफ कर दो।

एक अधिकारी ने बताया कि अभिनेत्री राखी सावंत को उनका बयान दर्ज कराने के लिए 27 फरवरी को महाराष्ट्र साइबर अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है। वह ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ के एपिसोड में अतिथि थीं, जहां इलाहाबादिया ने कथित तौर पर माता-पिता और सेक्स के बारे में अभद्र टिप्पणी की थी, जिसके कारण देश भर में हंगामा मच गया था और कई प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं।

महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने पहले ही रैना के यूट्यूब शो में भाग लेने वाले कॉमेडियन, कंटेंट क्रिएटर और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर सहित 50 से अधिक लोगों को तलब किया है। अधिकारी ने बताया कि एजेंसी ने यूट्यूब पर अपने ‘बीयरबाइसेप्स’ चैनल के लिए लोकप्रिय इलाहाबादिया को 24 फरवरी (सोमवार) को उनका बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है।

अधिकारी ने बताया कि यूट्यूबर और कंटेंट क्रिएटर आशीष चंचलानी को भी मामले के सिलसिले में उसी दिन बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि 23 और 24 फरवरी को कुछ और लोगों को तलब किये जाने की संभावना है।

गुवाहाटी हाई कोर्ट ने मंगलवार को चंचलानी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी और उन्हें 10 दिनों के भीतर जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने 18 फरवरी को इलाहाबादिया को उनकी टिप्पणियों के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था। न्यायालय ने उनकी टिप्पणियों को ‘अश्लील’ करार देते हुए कहा था कि उनकी ‘सोच गंदी’ है, जो समाज को शर्मसार करती है।

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