ना कोई सूचना और ना निमंत्रण, फिर भी पहुंचे करोड़ों; समापन पर PM मोदी ने बताया एकता का महाकुंभ
- महाकुंभ के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक आयोजन को एकता का महाकुंभ बताया और अपने ब्लॉग में लिखा कि बिना किसी औपचारिक निमंत्रण या सूचना के करोड़ों श्रद्धालु इस आयोजन में पहुंचे।
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प्रयागराज में 45 दिनों तक चले महाकुंभ का समापन भव्य तरीके से हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक आयोजन को एकता का महाकुंभ बताया और अपने ब्लॉग में लिखा कि बिना किसी औपचारिक निमंत्रण या सूचना के करोड़ों श्रद्धालु इस आयोजन में पहुंचे, जिससे भारत की आध्यात्मिक चेतना और सांस्कृतिक एकता का अनुपम दृश्य देखने को मिला।
पीएम मोदी ने लिखा कि इस महाकुंभ में देशभर से श्रद्धालु जुटे, जिनमें संत, महात्मा, बाल-वृद्ध, महिलाएं और युवा सभी शामिल थे। उन्होंने इसे भारत की एकता और समरसता का प्रतीक बताया और कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान 'देवभक्ति से देशभक्ति' का जो संकल्प लिया गया था, उसे इस महाकुंभ में मूर्त रूप मिला।
पीएम मोदी ने इस आयोजन की भव्यता पर चर्चा करते हुए कहा कि दुनिया में ऐसा कोई दूसरा उदाहरण नहीं है जहां बिना औपचारिक निमंत्रण के इतनी विशाल संख्या में लोग पहुंचे हों। उन्होंने प्रशासन, सफाईकर्मियों, पुलिसकर्मियों, नाविकों और प्रयागराज के स्थानीय निवासियों की सेवा भावना की भी प्रशंसा की, जिन्होंने महाकुंभ के दौरान आने वाले करोड़ों लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखा।
अपने ब्लॉग में पीएम मोदी ने लिखा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह भारत की राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने वाला एक महायज्ञ था। उन्होंने इसे एक नए भारत की मजबूत नींव बताते हुए कहा कि इस आयोजन ने भारत के उज्ज्वल भविष्य की एक झलक पेश की है, जहां आध्यात्मिकता और विकास एक साथ आगे बढ़ रहे हैं।
अंत में, पीएम मोदी ने महाकुंभ की तुलना श्रीकृष्ण द्वारा माता यशोदा को ब्रह्मांड दर्शन कराने से की और कहा कि इस महाकुंभ में दुनिया ने भारत की असली ताकत देखी। उन्होंने यह भी बताया कि वह जल्द ही श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करेंगे और भारत की समृद्धि और एकता के लिए प्रार्थना करेंगे।