मीलॉर्ड! 10वीं-12वीं के बच्चों के फेफड़े अलग हैं क्या, सुप्रीम कोर्ट में क्यों गूंजा ये सवाल
एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन की दलील पर खंडपीठ ने तुरंत दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के सभी राज्यों को बिगड़ती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर 12वीं तक सभी कक्षा की शारीरिक कक्षाएं बंद करने के लिए तत्काल निर्णय लेने का आदेश दिया।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के एनसीआर इलाके में बढ़ते प्रदूषण और खराब होती वायु गुणवत्ता से संबंधित याचिकाओं पर आज (सोमवार को) सुप्रीम कोर्ट में लंबी सुनवाई हुई। इस दौरान एक याचिकाकर्ता ने 10वीं और 12वीं कक्षा को छोड़कर सभी छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने के दिल्ली सरकार के फैसले पर सवाल उठाया। और पूछा कि क्या इन दो वर्गों में पढ़ने वाले छात्रों के फेफड़े दूसरों से अलग हैं? सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन ने जस्टिस एएस ओका और जस्टिस एजी मसीह की पीठ से कहा, "हुजूर, 10वीं और 12वीं के छात्रों के फेफड़े अन्य छात्रों से अलग नहीं हो सकते, इसलिए उनकी भी फिजिकल क्लासेज को रोकने के आदेश दिए जाने चाहिए।"
एडवोकेट शंकरनारायणन की दलील पर पीठ ने तुरंत दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के सभी राज्यों को बिगड़ती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर 12वीं तक सभी कक्षा की शारीरिक कक्षाएं बंद करने के लिए तत्काल निर्णय लेने का आदेश दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर के राज्यों से ऐसा तंत्र स्थापित करने को कहा, जहां जीआरएपी के चौथे चरण के तहत लागू प्रतिबंधों के उल्लंघन की शिकायत की जा सके।
कोर्ट ने प्रदूषण के स्तर में कमी लाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के सभी राज्यों को जीआरएपी के चौथे चरण के तहत प्रतिबंध लगाने के वास्ते तुरंत टीमें गठित करने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने ये बी कहा कि जीआरएपी के चौथे चरण के तहत प्रतिबंध जारी रहने चाहिए, भले ही एक्यूआई का स्तर 450 से नीचे क्यों न चला जाए। कोर्ट ने इस बात को लेकर भी फटकार लगाई कि प्रदूषण स्तर में खतरनाक वृद्धि को देखते हुए सीएक्यूएम ने जीआरएपी के विभिन्न चरण लागू करने के बजाय मौसम की स्थिति में सुधार का इंतजार किया। इससे लोगों को स्वास्थ्य संकट का सामना करना पड़ा और प्रदूषण और ज्यादा बढ़ गया।
बता दें कि दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण को देखते हुए और अगले साल बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर सरकार ने कक्षा 10वीं और 12वीं को छोड़कर सभी वर्ग के छात्रों के लिए सोमवार से शारीरिक कक्षाएं बंद करने की रविवार को घोषणा की थी। रविवार शाम को वायु गुणवत्ता के और भी खराब होकर "गंभीर प्लस" स्तर पर पहुंचने के बाद, सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण 4 के तहत प्रतिबंधों को लागू करने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को X पर एक पोस्ट में कहा था, "कल से GRAP-4 लागू होने के साथ, कक्षा 10वीं और 12वीं को छोड़कर सभी छात्रों के लिए शारीरिक कक्षाएं बंद कर दी जाएंगी और अगले आदेश तक सभी स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करेंगे।"
हरियाणा सरकार ने भी सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए छुट्टियां घोषित कर रखी हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनसीआर के डिप्टी कमिश्नरों को छुट्टी बढ़ाने या ऑनलाइन कक्षाओं में शिफ्ट करने का निर्देश दिया है। हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी तक स्कूल बंद करने की कोई घोषणा नहीं की है। पंजाब में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। वहां भी स्कूल बंद करने के निर्देश जारी नहीं किए गए हैं।