जिस थाली में खाया उसी में छेद, आतंकियों की मदद कर रहे थे 15 कश्मीरी; जांच में खुलासा
जांच में पता चला है कि कम से कम 15 कश्मीर ओवरग्राउंड वर्कर्स और आतंकियों के मददगारों की पहचान की गई है। सूत्रों का कहना है कि आतंकियों को लॉजिस्टिक ये लोग ही उपलब्ध करवाते थे।

पहलगाम के आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। गृह मंत्रालय ने इस हमले की जांच की जिम्मेदारी एनआईए को सौंप दी है। आतंकी हमले को ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं जिन्हें देखकर लोगों के दिल दहल गए। वहीं एजेंसियों का भी दावा है कि इस हमले में कश्मीर के कुछ स्थानीय लोगों की भी मिलीभगत थी। इलेक्ट्रिक सर्विलांस के जरिए कम से कम 15 कश्मीर ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) और आतंकियों की पहचान हुई है जो कि पाकिस्तानी आतंकियों की मदद कर रहे थे। एजेंसियों का कहना है कि इन लोगों ने आतंकियों के लिए लॉजिस्टिक की व्यवस्था की। इसके अलावा पाकिस्तान से आए हथियारों को भी अपने पास रखा।
सूत्रों का कहना है कि एजेंसियों ने कम से कम पांच मुख्य आरोपियों की धरपकड़ की कोशिश की जिनमें से तीन को उठा लिया गया। पुलिस अन्य दो ओजीडब्लू की तलाश कर रही है। पता चला है कि कश्मीर में स्ट्राइक के दिन वे भी उसी इलाके में मौजूद थे। उनके मोबाइल फोन भी चालू थे। इलेक्ट्रिक सर्विलांस से पता चला है कि सभी मुख्य आरोपी पाकिस्तानी आतंकियों के बारे में आपस में मोबाइल से चैट कर रहे थे। सूत्रों का कहना है कि कम से कम 200 OGW को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
सूत्रों का कहना है कि इस बात के पुख्ता सबूत मिल रहे हैं कि ये पांच OGW आतंकी हमले में बड़ी भमिका निभा रहे थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो रॉ और एनआईए की टीम इनसे पूछताछ कर रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने साउथ कश्मीर के कम से कम 15 लोगों की लिस्ट तैयार की है जो कि आतंकियों का सहयोग करते हैं। कश्मीर में पिछले कुछ सालों में हुए हमलों में भी उनकी सक्रिय भूमिका थी। वे जंगलों में आतंकियों के लिए खाने-पीने का इंतजाम, हथियार और लॉजिस्टिक की व्यवस्था करते हैं।
एक अअधिकारी ने कहा, पर्याप्त सबूत मिले हैं कि पहलगाम हमले के लिए लॉजिस्टिक का इंतजाम करने में इनकी भूमिका थी। आतंकियों में दो पाकिस्तान से और दो कश्मीरी थे।