जब अतुल सुभाष की तरह पत्नी से कलह से तंग DM ने दी थी जान, कूद गए थे ट्रेन के आगे
- बिहार कैडर के 2012 बैच के आईएएस अधिकारी और बक्सर के जिलाधिकारी मुकेश पांडे ने गाजियाबाद में ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी थी। बताया जा रहा था कि वे अपनी पत्नी के साथ चल रहे मतभेदों से बेहद परेशान थे।
इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या का मामला जानने के बाद लोग हैरान हैं। साल 2017 में एक ऐसा ही मामला सामने आया था जहां घरेलू कलह और व्यक्तिगत तनाव ने एक होनहार अफसर की जिंदगी छीन ली थी। बिहार कैडर के 2012 बैच के आईएएस अधिकारी और बक्सर के जिलाधिकारी मुकेश पांडे ने गाजियाबाद में ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी थी। बताया जा रहा था कि वे अपनी पत्नी के साथ चल रहे मतभेदों से बेहद परेशान थे।
मुकेश की मौत उनके परिवार ने कहा, “मुकेश काफी विचलित लग रहे थे। पत्नी के साथ संबंधों में खटास ने उनकी मानसिक स्थिति पर गहरा असर डाला था।”
क्या है इस घटना की पूरी कड़ी
साल 2017 में जब मुकेश ने अपनी जान ली तब वह 29 साल के थे। उनका शव गाजियाबाद के रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला। पुलिस ने बताया कि उन्होंने अपनी आत्महत्या का इशारा पहले ही कर दिया था और जानकपुरी, दिल्ली में खुद को खत्म करने की योजना बनाई थी, लेकिन बाद में गाजियाबाद चले गए। परिजनों के मुताबिक, पांडे ने अपने ससुर का फोन नंबर एक नोट में लिखा था, ताकि उनके निधन की सूचना दी जा सके। उनके पिता सुदेश्वर पांडे को यकीन नहीं हो रहा था कि उनका होनहार बेटा ऐसा कर सकता है।
असफल दांपत्य जीवन का असर
मुकेश की शादी 2014 में पटना के एक प्रतिष्ठित कारोबारी परिवार में हुई थी। मौत के वक्त उनकी पत्नी और तीन महीने की बेटी पटना में रहती थीं। मुकेश ने कुछ दिन पहले ही बक्सर के जिलाधिकारी का पदभार संभाला था, लेकिन परिवारिक विवाद ने उनकी खुशी छीन ली।
होनहार थे मुकेश मगर त्रस्त थी जिंदगी
गुवाहाटी के प्रतिष्ठित कॉटन कॉलेज से अंग्रेजी में स्नातक और क्रिकेट के शौकीन मुकेश ने अपने दूसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा पास की थी। उनके बड़े भाई भी भारती सिविल सेवा में सफल रहे थे। पोस्टमार्टम के बाद गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन.के. गुप्ता ने बताया, “मुकेश की मौत अत्यधिक रक्तस्राव और दुर्घटना से हुई कई गंभीर चोटों के कारण हुई। इसमें कोई संदिग्ध चोट नहीं मिली।”