लेफ्टिनेंट विनय की श्रद्धांजलि सभा: पत्नी ने सैल्यूट कर फ्लाइंग किस दी, बहन बोली-तिरंगे में लिपटकर आने की बात कहते थे
बहन सृष्टि ने कहा कि अभी तक यकीन नहीं हो रहा, जो हमारे साथ हो गया। कैसे हुआ, क्यों हुआ, शायद परमात्मा की यही मर्जी थी। जब तक मैं रहूंगी, विनय रहेगा। वह अमर रहेगा।

पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए नेवी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की आज करनाल में श्रद्धांजलि सभा रखी गई। कार्यक्रम में उनकी पत्नी, बहन, दादा, माता-पिता पहुंचे। दादा हवा सिंह और पत्नी हिमांशी ने विनय की फोटो को सैल्यूट किया। हिमांशी ने पति की फोटो को फ्लाइंग किस दी और भावुक हो गईं। उनकी बहन सृष्टि के आंसू भी नहीं रुक रहे थे। परिवार के सभी सदस्यों ने विनय की तस्वीर पर फूल चढ़ाकर उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि सभा में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की पत्नी सुमन सैनी और हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण भी पहुंचे थे। सृष्टि ने इस कार्यक्रम में अपने भाई से जुड़ी कई यादें बताईं।
उन्होंने कहा कि लेफ्टिनेंट होने से पहले वह मेरा बड़ा भाई रहा है। सृष्टि ने कहा-डिअर विनय, मेरे भैया, मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस भाई ने पैदा होते ही मुझे अपनी गोद में खिलाया, मैं उसकी जिंदगी की अंतिम यात्रा में उसे कंधा दूंगी। जिस भाई ने मुझे पटाखों के शोर से हमेशा बचाकर रखा। उसी भाई की शहादत की अंतिम सलामी की गूंज आज तक मेरे कानों में गूंज रही है। जिस भाई ने कभी मुझे आग के नजदीक तक नहीं आने दिया। उसी भाई को मैंने अपने हाथों से अग्नि दी। जिसे मुझे रोते देखकर उसे रोना आ जाता था, आज मैं रो रही हूं तो वह है ही नहीं मेरे आसपास, मुझे चुप कराने के लिए।
चूरमा फेवरेट डिश और एलओसी कारगिल पसंदीदा मूवी
सृष्टि ने कहा कि अभी तक यकीन नहीं हो रहा, जो हमारे साथ हो गया। कैसे हुआ, क्यों हुआ, शायद परमात्मा की यही मर्जी थी। जब तक मैं रहूंगी, विनय रहेगा। वह अमर रहेगा। वह हम सबके अंदर है। पूरा देश जिसे उसकी वर्दी और शहादत से जानता है, उसे हम परिवार वाले उसके दिल से जानते हैं। जितना बड़ा उसका कद था 6 फीट, 3 इंच, उससे लाख गुना बड़ा उसका दिल था। एक निराला बचपना था। एक प्यारी सी मुस्कान थी। अंदर से किसी ने मेरा अंग ही अलग कर दिया हो। चूरमा उसका फेवरेट डिश होता था। जब हम छोटे होते थे तो मां चूरमा खिलाती थी। थोड़े बड़े हुए तो भाई हमें चूरमा बनाकर खिलाता था। मैं उसे हमेशा कहती थी कि भाई जब तेरे बच्चे होंगे तो मैं उन्हें चूरमा खिलाऊंगी। जब वह छोटे थे तो बहुत बार एलओसी कारगिल मूवी देखते थे। यह भाई की फेवरेट मूवी थी। भाई मुझे कहते थे कि सृष्टि तेरा भाई भी एक दिन ऐसे ही तिरंगे में लिपटा हुआ आएगा तब मैं उन्हें बहुत डांटती थी।
जन्मदिन पर लगाया था रक्तदान शिविर
एक मई को विनय नरवाल का 26वां जन्मदिन था। परिवार के सदस्यों ने पहले इस दिन के लिए खास तैयारी की थी और सभी दोस्तों और रिश्तेदारों को पार्टी के लिए बुलाना था लेकिन इससे पहले ही ये हादसा हो गया। ऐसे में परिवार ने उनके जन्मदिन पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया था। इसमें 218 लोगों ने रक्तदान किया था। हिमांशी नरवाल ने रक्तदान शिविर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि वह नहीं चाहती कि सभी कश्मीरियों और मुस्लिम से नफरत की जाए। वह शांति और न्याय चाहती हैं। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इस हमले में करनाल के रहने वाले नेवी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी मारे गए थे। इस हमले से सिर्फ 7 दिन पहले ही विनय की शादी गुरुग्राम की रहने वाली हिमांशी से हुई थी।