Hindi Newsदेश न्यूज़Kolkata Rape Murder Case trial on Police Commissioner Vineet Goyal High Court has fixed the date

कोलकाता केस में अब पूर्व पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल पर भी चलेगा मुकदमा, क्या था गुनाह

  • विनीत गोयल पर आरोप है कि उन्होंने आरजी कर अस्पताल में हुए रेप-मर्डर मामले की पीड़िता ट्रेनी डॉक्टर के नाम का खुलासा कर दिया था।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, कोलकाताFri, 4 Oct 2024 05:41 PM
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कलकत्ता हाई कोर्ट ने कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख तय कर दी है। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम और न्यायमूर्ति विभास पट्टनायक की डिवीजन बेंच ने बताया कि इस मामले की सुनवाई अब सोमवार को होगी। कोर्ट ने राज्य के अधिवक्ता को निर्देश दिया है कि सुनवाई से पहले वह संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करें।

विनीत गोयल पर आरोप है कि उन्होंने आरजी कर अस्पताल में हुए रेप-मर्डर मामले की पीड़िता ट्रेनी डॉक्टर के नाम का खुलासा कर दिया था। यह मामला उस समय उठा जब वकील अनामिका पांडे ने हाई कोर्ट में गोयल के खिलाफ याचिका दायर की जिसमें उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी।

इससे पहले की सुनवाई में हाई कोर्ट ने कहा था कि आरजी कर अस्पताल से संबंधित मुख्य मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, और यह बात सुप्रीम कोर्ट में ही रखी जानी चाहिए। उस समय मुख्य न्यायाधीश शिवज्ञानम और न्यायमूर्ति हिरनमय भट्टाचार्य की बेंच ने यह भी कहा था कि हाई कोर्ट इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नजर रखेगा।

इस सप्ताह सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में आरजी कर अस्पताल में हुई घटना से संबंधित मामले की सुनवाई हो चुकी है, जिसमें आरोप था कि अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की गई थी। शुक्रवार को इस संदर्भ में याचिकाकर्ता अनामिका पांडे के वकील महेश जेठमलानी ने कलकत्ता हाई कोर्ट में यह तर्क दिया कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया है, इसलिए हाई कोर्ट के लिए इस मामले की सुनवाई करने में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। महेश जेठमलानी ने कोर्ट से आग्रह किया कि इस मामले की जल्द सुनवाई हो। इसके जवाब में मुख्य न्यायाधीश शिवज्ञानम ने कहा कि अदालत इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह करेगी।

उल्लेखनीय है कि विनीत गोयल के खिलाफ मामले में पहले जेठमलानी ने तर्क दिया था कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में भेजा जाए क्योंकि एक पुलिस अधिकारी, वह भी इतने ऊंचे पद पर रहते हुए, कैसे पीड़िता का नाम सार्वजनिक कर सकते हैं। वहीं गोयल के वकील ने तर्क देते हुए कहा कि विनीत गोयल का पहले ही ट्रांसफर किया जा चुका है और आरजी कर अस्पताल से जुड़े मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है इसलिए इस मामले का अब कोई महत्व नहीं रह गया है।

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