Hindi Newsदेश न्यूज़Kolkata rape case CBI began questioning another doctor close to Sandip Ghosh

कोलकाता कांड में CBI की रडार पर 'नॉर्थ बंगाल लॉबी', संदीप घोष के करीबी डॉक्टर से पूछताछ

  • सीबीआई अधिकारी ने बताया कि बिस्वास कथित तौर पर मेडिकल कॉलेजों में सक्रिय ‘उत्तर बंगाल लॉबी’ का हिस्सा हैं। उन्हें 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में देखा गया था।

Niteesh Kumar भाषाSat, 21 Sep 2024 04:07 PM
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कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल एंड कॉलेज में रेप और मर्डर केस की सीबीआई जांच जारी है। इसी कड़ी में, अधिकारियों ने कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी एक अन्य डॉक्टर से शनिवार को पूछताछ प्रारंभ की। सीबीआई के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। बिरुपक्ष बिस्वास साल्ट लेक इलाके में सीजीओ कॉम्प्लेक्स कार्यालय में CBI के अधिकारियों के समक्ष पेश हुए। बिस्वास को हाल ही में पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने बर्दवान मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से दक्षिण 24 परगना जिले के सुदूर काकद्वीप अस्पताल में शिफ्ट किया था।

सीबीआई अधिकारी ने बताया कि बिस्वास कथित तौर पर मेडिकल कॉलेजों में सक्रिय ‘उत्तर बंगाल लॉबी’ का हिस्सा हैं। उन्हें 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में देखा गया था। उसी दिन महिला ट्रेनी डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था। पश्चिम बंगाल के डॉक्टर्स सरकारी चिकित्सा प्रतिष्ठानों में तैनात चिकित्सकों और अधिकारियों के एक समूह को ‘उत्तर बंगाल लॉबी’ कह रहे हैं, जिन्होंने कथित तौर पर छात्रों को धमकाया था।

डॉक्टर बिरुपक्ष बिस्वास संदेह के घेरे में

जांच अधिकारी ने बताया, ‘बिस्वास से 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में उनकी मौजूदगी के बारे में पूछताछ की जा रही है क्योंकि उस दिन उनका वहां कोई आधिकारिक कार्यक्रम भी नहीं था, साथ ही अन्य प्रश्न भी पूछे जा रहे हैं।’ बिस्वास और 2 अन्य चिकित्सकों (अविक डे और रंजीत साहा) के खिलाफ पश्चिम बंगाल के विभिन्न मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में छात्रों को कथित रूप से धमकाने के आरोप में बहुबाजार पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

42 दिन बाद काम पर लौटे जूनियर डॉक्टर्स

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में जूनियर डॉक्टर्स 42 दिन बाद शनिवार सुबह आंशिक रूप से काम पर लौट आए। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी पर मौजूद महिला चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के खिलाफ उन्होंने काम बंद कर दिया था। जूनियर डॉक्टर्स ने सभी सरकारी अस्पतालों में आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं में काम करना शुरू कर दिया, लेकिन उन्होंने बाह्य रोगी विभाग (OPD) में अब भी काम शुरू नहीं किया है।

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