वे अल्पसंख्यकों का चेहरा… बांग्लादेश में हिंदू संत की जमानत याचिका खारिज होने पर क्या बोला इस्कॉन
- बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका एक बार फिर खारिज कर दी गई है। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कोलकाता इस्कॉन के राधा रमन दास ने कहा है कि यह बहुत दुखद खबर है। संत चिन्मय दास 42 दिनों से जेल में कैद हैं।
बांग्लादेश में भारत की उम्मीदों को झटका देते हुए चटगांव की एक अदालत ने पूर्व इस्कॉन संत चिन्मय कृष्ण दास को जमानत देने से इनकार कर दिया है। इस पर कोलकाता इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधा रमन दास ने अपनी निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि दुनिया को नए साल की शुरुआत में उनकी रिहाई की उम्मीद थी। राधा रमन दास ने बांग्लादेश सरकार से कृष्ण दास के लिए न्याय सुनिश्चित करने की अपील की है। सुनवाई के बाद राधा रमन दास ने कहा, "यह बहुत दुखद खबर है। हम जानते हैं कि पूरी दुनिया इस पर नजर रखे हुए थी। सभी को उम्मीद थी कि नए साल में चिन्मय प्रभु को रिहाई मिल जाएगी। 42 दिन बाद भी उनकी जमानत खारिज कर दी गई।"
उन्होंने आगे कहा, "डिटेल आदेश देखने के बाद ही हमें पता चल पाएगा कि उनकी याचिका आखिर क्यों खारिज की गई है। पूरी दुनिया की नजरें इस मामले पर टिकी थीं। ब्रिटिश संसद और अमेरिकी नेता इस मुद्दे पर बात कर रहे थे। उनकी गिरफ्तारी से सभी चिंतित हैं।" राधा रमन दास ने कहा है कि बांग्लादेश सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चिन्मय कृष्ण दास को न्याय मिले। उन्होंने कहा, "बांग्लादेश सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें न्याय मिले। ऐसी जानकारी मिली है कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है। उन्हें हिरासत में रखना सही नहीं है। हम सभी जानते हैं कि चिन्मय बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों का चेहरा बन गए थे और अल्पसंख्यक उन्हें उम्मीद की किरण के रूप में देखते हैं।"
हाईकोर्ट में करेंगे अपील
वहीं सुनवाई के बाद, चिन्मय के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने द डेली स्टार को बताया कि वे जमानत के लिए उच्च न्यायालय में अपील करने की योजना बना रहे हैं। मेट्रोपॉलिटन पब्लिक प्रॉसिक्यूटर एडवोकेट मोफिजुर हक भुइयां के मुताबिक चटगांव मेट्रोपॉलिटन सेशन जज मोहम्मद सैफुल इस्लाम ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के करीब 30 मिनट बाद जमानत याचिका खारिज कर दी। इससे पहले 3 दिसंबर 2024 को चटगांव कोर्ट ने जमानत की सुनवाई के लिए 2 जनवरी की तारीख तय की थी।
इस्कॉन केंद्र में तोड़फोड़
बांग्लादेश में बढ़ती अशांति के बीच 25 अक्टूबर को चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप में केस दर्ज किए गए थे। उन्हें 25 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया गया जिसके बाद देश में विरोध प्रदर्शन भी हुए। इस्कॉन कोलकाता के मुताबिक बाद में दो भिक्षुओं, आदिपुरुष श्याम दास और रंगनाथ दास ब्रह्मचारी को चिन्मय कृष्ण दास से मिलने के बाद 29 नवंबर को हिरासत में लिया गया था। संगठन के उपाध्यक्ष राधा रमन ने यह भी दावा किया कि दंगाइयों ने अशांति के दौरान बांग्लादेश में इस्कॉन केंद्र में तोड़फोड़ की है।