अब इस दरगाह पर भी विवाद? भाजपा विधायक ने बताया अनुभव मंडपम की जमीन पर है कब्जा
- अब एक और दरगाह को लेकर भी ऐसा ही दावा किया जा रहा है। यह दावा कर्नाटक के बीदर जिला स्थित पीर पाशा बांग्ला दरगाह को लेकर भाजपा विधायक बासनगौड़ा पाटिल ने किया है।
इन दिनों अजमेर शरीफ दरगाह का नाम विवादों में है। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता का दावा है कि इस दरगाह में कभी संकट मोचन महादेव का मंदिर था। अब एक और दरगाह को लेकर भी ऐसा ही दावा किया जा रहा है। यह दावा कर्नाटक के बीदर जिला स्थित पीर पाशा बांग्ला दरगाह को लेकर भाजपा विधायक बासनगौड़ा पाटिल ने किया है। भाजपा विधायक का कहना है कि यह दरगाह अनुभव मंडपम की जमीन कब्जा करके बनाई गई है। उन्होंने आगे कहाकि हम इसको कब्जे से मुक्त कराने के लिए अयोध्या जैसा आंदोलन चलाएंगे।
कर्नाटक से भाजपा विधायक बासनगौड़ा फिलहाल वक्फ जमीन के मुद्दे पर लोगों को जागरुक करने निकले हैं। उन्होंने कहाकि अनुभव मंतापा की जमीन को कब्जे से छुड़ाने की लड़ाई में लिंगायत मठों को हमारे साथ आना चाहिए। बासनगौड़ा ने कहाकि हमारा आंदोलन तब तक नहीं रुकेगा, जब तक अनुभव मंडपम फिर से अपनी जगह पर खड़ा नहीं हो जाता है। पीएम मोदी ने भी नई संसद भवन के उद्धाटन के समय अनुभव मंडपम की चर्चा की थी। उन्होंने इसे दुनिया की सबसे पहली संसद बताया था।
क्या है अनुभव मंडपम
ऐसी मान्यता है कि अनुभव मंडपम की स्थापना 12वीं शताब्दी में भगवान बसवेश्वर ने की थी। भगवान बसवेश्वर वहां पर प्रधानमंत्री की तरह से काम करते थे। वहीं, एक महान योगी राष्ट्रपति हुआ करते थे, जिनका नाम प्रभुदेवा था। मंडपम के लिए सभी लोग एक समान थे। यहां पर जन्म, लिंग या फिर व्यवसाय के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं होता था। चाहे पुरुष हों या फिर महिला सभी को समान रूप से अधिकार मिले हुए थे। जनवरी 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने 500 करोड़ रुपए की लागत से आधुनिक अनुभव मंडपम के निर्माण की नींव रखी थी।
नए अनुभव मंडपम का निर्माण 7.5 एकड़ जमीन पर छह मंजिलों में हो रहा है। यह भगवान बसवेश्वर के दर्शन के विभिन्न सिद्धांतों का प्रतिनिधित्व करेगी। इस प्रोजेक्ट में काफी अल्ट्रा मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा। इसमें रोबोट सिस्टम, ओपन-एयर थिएटर, आधुनिक जल संरक्षण प्रणाली, पुस्तकालय, अनुसंधान केंद्र, प्रार्थना हॉल और योग केंद्र आदि बनाने की भी तैयारी है।