भगवान मंजूनाथ की कसम खाओ तो मानूंगी... ऐसा क्या बोल गए भाजपा विधायक, महिला मंत्री ने दी चुनौती
- कर्नाटक की मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने भाजपा विधायक सीटी रवि को चुनौती दी कि धर्मस्थल में भगवान मंजूनाथ की कसम खाकर कहें कि उन्होंने कुछ अपमानजनक नहीं कहा तो मैं मान जाऊंगी।
कर्नाटक की मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने भाजपा विधायक सीटी रवि पर उनके बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। मंत्री के आरोपों को भाजपा विधायक सिरे से खारिज कर चुके हैं। मंगलवार को मामला तब और बढ़ गया जब मंत्री ने भाजपा विधायक को खुद को सही साबित करने के लिए चुनौती दे डाली। उन्होंने कहा कि कानून को साइड रखिए,अगर वो भगवान पर यकीन करते हैं तो उनके आवास के पास ही भगवान मंजूनाथ का पवित्र मंदिर है। वो धर्मस्थल की कसम खाकर कहें कि उन्होंने कुछ अपमानजनक नहीं कहा तो मैं मान जाऊंगी।
लक्ष्मी हेब्बालकर ने कहा, ‘‘मुझे भगवान के प्रति आस्था और विश्वास है। उन्होंने (रवि) कई बार कहा है कि उन्होंने अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। कानून को एक तरफ रखिए, कानून अपना काम करेगा। यह कोई चुनौती नहीं है, मैं उनके जैसे व्यक्ति से जवाब की उम्मीद भी नहीं करती...वह लोगों, अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
भाजपा विधायक को चैलेंज
मंत्री ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सी टी रवि आप भगवान में विश्वास करते हैं? भगवान मंजूनाथ का मंदिर आपके गृहनगर के बहुत करीब है, राज्य भर के लोग उन पर विश्वास रखते हैं। यही नहीं भगवान मंजूनाथ धर्म का दूसरा नाम हैं। भगवान मंजूनाथ की कसम खाकर कहिए तो मानूंगी।’’ हेब्बालकर ने कहा, ‘‘आप (रवि) अपनी पत्नी के साथ धर्मस्थल आएं। मैं भी अपने परिवार के साथ आऊंगी। आपने नैतिकता का सवाल उठाया है, अगर आपमें नैतिकता है तो वहां आएं।’’
दक्षिण कन्नड़ जिले में नेत्रवती नदी के तट पर स्थित भगवान मंजूनाथ का 800 साल पुराना मंदिर है। किंवदंतियों के अनुसार, जो कोई भी भगवान मंजूनाथ के सामने झूठ बोलता है, उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।
मामला क्या है
रवि ने 19 दिसंबर को विधान परिषद में हेब्बालकर के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया था, तब सदन को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया था। हेब्बालकर की शिकायत के बाद रवि को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया और बेलगावी में ‘सुवर्ण विधान सौध’ के परिसर से पुलिस वैन में ले जाया गया।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने 20 दिसंबर को अपने अंतरिम आदेश में रवि की तत्काल रिहाई का आदेश दिया, जिसमें कहा गया कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने में प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया। हालांकि, पीठ ने रवि को जांच में सहयोग करने और पूछताछ के लिए उपलब्ध रहने का निर्देश दिया है।