Hindi Newsदेश न्यूज़Karnataka High Court orders interim stay on FIR filed against Nirmala Sitharaman in Electoral Bond case till next order

कर्नाटक हाई कोर्ट से निर्मला सीतारमण को बड़ी राहत, इलेक्टोरल बॉन्ड केस में FIR पर रोक

जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने भाजपा नेता नलिन कुमार कटील द्वारा दायर उस याचिका पर यह अंतरिम आदेश दिया, जिसमें उन्हें आरोपी के रूप में नामजद करने वाली प्राथमिकी को चुनौती दी गई थी। मामले की अगली सुनवाई 22 अक्टूबर को होगी।

Pramod Praveen भाषा, बेंगलुरुMon, 30 Sep 2024 07:34 PM
share Share

कर्नाटक हाई कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड के जरिए कथित जबरन वसूली से संबंधित एक मामले में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सोमवार को बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने उनके और अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया है और चुनावी बॉण्ड योजना से संबंधित कथित अनियमितताओं की जांच पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि अगली सुनवाई तक यह रोक जारी रहेगी। चुनावी बॉण्ड योजना अब रद्द हो चुकी है।

जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने भाजपा नेता नलिन कुमार कटील द्वारा दायर उस याचिका पर यह अंतरिम आदेश दिया, जिसमें उन्हें आरोपी के रूप में नामजद करने वाली प्राथमिकी को चुनौती दी गई थी। मामले की अगली सुनवाई 22 अक्टूबर को होगी। चुनावी बॉण्ड योजना से संबंधित शिकायत के बाद यहां की एक विशेष अदालत के निर्देश पर शनिवार को सीतारमण और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

पुलिस के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री सीतारमण, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के पदाधिकारियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के प्रमुख बी.वाई. विजयेंद्र, पार्टी नेता नलिन कुमार कटील के नाम भी प्राथमिकी में हैं।

ये भी पढ़ें:कर्नाटक CM सिद्धारमैया की बढ़ीं मुश्किलें, MUDA मामले में ED ने दर्ज किया केस
ये भी पढ़ें:'भारत माता की जय' नारा नफरती भाषण है? कर्नाटक हाई कोर्ट ने क्या कहा
ये भी पढ़ें:कर्नाटक CM सिद्धारमैया पर FIR दर्ज, पूछताछ के लिए बुला सकती है लोकायुक्त पुलिस

जनाधिकार संघर्ष परिषद (जेएसपी) के सह-अध्यक्ष आदर्श आर अय्यर ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने चुनावी बॉण्ड की आड़ में जबरन वसूली की और 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का फायदा उठाया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि सीतारमण ने ईडी अधिकारियों की गुप्त सहायता और समर्थन के माध्यम से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर दूसरों के फायदे के लिए हजारों करोड़ रुपये की जबरन वसूली की।

इसमें कहा गया है, ‘‘चुनावी बॉण्ड की आड़ में जबरन वसूली का काम विभिन्न स्तरों पर भाजपा के पदाधिकारियों की मिलीभगत से चलाया जा रहा था।’’ उच्चतम न्यायालय ने फरवरी में चुनावी बॉण्ड योजना को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि इससे संविधान के तहत सूचना के अधिकार और भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन होता है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें