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यह मत भूलना कि हम... कंगना रनौत को थप्पड़ मारने वाली CISF कर्मी के भाई का बड़ा बयान

  • कंगना रनौत को थप्पड़ मारने वाली सीआईएसएफ कर्मी के भाई का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि जांच पूरी हो चुकी है, एक तरफा फैसला मत लेना। यह मत भूलना कि परिवार सब भूल गया है।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तानMon, 18 Nov 2024 09:47 PM
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भाजपा सांसद और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर थप्पड़ मारने वाली सीआईएसएफ जवान के भाई ने बड़ा बयान दिया है। कुलविंदर कौर के भाई शेर सिंह महीवाल ने कहा कि इस मामले को लेकर जांच पूरी हो चुकी है। अब फैसले का इंतजार है लेकिन फैसले में पक्षपात नहीं होना चाहिए, दोनों पक्षों को सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह मत भूलना कि परिवार सब भूल गया है।

शेर सिंह महीवाल ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए कंगना रनौत ने कोई अपील नहीं की है। यह जांच सीआईएएसफ कर रहा है। अगर सीआईएएसफ यह सोच रहा है कि इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल देंगे या कुछ समय बाद लोग या पीड़ित परिवार भूल जाएगा और हम कुलविंदर कौर और उसके पति को डिसमिस करके घर भेज देंगे तो ऐसा बिल्कुल गलत है। कोई भी फैसला लेने से पहले कुलविंदर व उसके पति की 16 साल की सर्विस, पढ़ाई और जिंदगी के बारे में सोचना चाहिए।

कुलविंदर कौर पर माफी मांगने का दबाव

कुलविंदर कौर के भाई शेर सिंह महीवाल ने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि मामले की जांच के दौरान बार-बार कुलविंदर कौर और उसके पति पर माफी मांगने का दबाव डाला गया ​था। लेकिन हम किस बात की माफी मांगें? हम आज भी कहते हैं कि न तो पहले माफी मांगी और न आगे मांगेंगे। जो सजा मिलेगी, वह भुगतने को तैयार हैं। लेकिन एकतरफा फैसला नहीं होनी चाहिए। शेर सिंह ने कहा कि मामले की जांच बैंगलुरू से पूरी होकर चंडीगढ़ आ चुकी है। अब फैसला आना बाकी है।

देश में कानून सबके लिए एक समान नहीं

शेर सिंह ने कहा कि 6 जून 2024 को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर थप्पड़ कंगना को नहीं, बल्कि सिस्टम को पड़ा था। ऐसे हालात इसलिए बने क्योंकि देश में कानून सबके लिए एक समान नहीं है। बड़े लोगों के लिए अलग कानून है और आम जनता के लिए अलग। ऐसे हालात में ऐसी घटनाएं होना लाजिमी है। शेर सिंह ने कहा कि कंगना रनौत की भी इंक्वायरी होनी चाहिए। घटना के दिन बाद 9 जून को हमने एसएसपी मोहाली कार्यालय के बाहर धरना दिया था। वहां पर कंगना रनौत पर पहले से दर्ज आठ एफआईआर की कॉपियां सौंपी थी इसलिए फैसले में कोई पक्षपात नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि केस की इंक्वायरी की आंच उनके गांव मंड महीवाल तक पहुंची थी और हमने बहुत कुछ सहना पड़ा। बहन कुलविंदर कौर के पति की ट्रांसफर बैंगलुरू कर दी गई। हमारे परिवार की पृष्ठभूमि तक जांची गई। हम सजा से नहीं भागते, लेकिन एकतरफा फैसला नहीं होनी चाहिए।

रिपोर्ट: मोनी देवी

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