बाहरी मजदूरों पर घाटी छोड़ने का दबाव बना रहा प्रशासन, महबूबा मुफ्ती के गंभीर आरोप
- महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में शांतिपूर्ण और आतंक मुक्त चुनाव सम्पन्न हुए हैं। अब ऐसी त्वरित प्रतिक्रिया से दूसरे राज्यों में काम करने और पढ़ने वाले कश्मीरियों के खिलाफ भी नाराजगी हो सकती है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने गांदरबल आतंकी हमले पर मंगलवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करके कहा, 'सोनमर्ग में हुए बर्बर हमले के बाद ऐसी खबरें हैं कि स्थानीय प्रशासन नॉन-लोकल मजदूरों पर तुरंत घाटी छोड़ने का दबाव बना रहा है। मैं समझती हूं कि यह उनकी घबराहट है। मगर, उन्हें इस तरह से चले जाने के लिए कहना कोई समाधान नहीं है। ऐसा करने से केवल और अधिक कठिनाइयां पैदा होंगी और देश में बहुत बुरा संदेश जाएगा।'
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में शांतिपूर्ण और आतंक मुक्त चुनाव सम्पन्न हुए हैं। अब ऐसी त्वरित प्रतिक्रिया से दूसरे राज्यों में काम करने और पढ़ने वाले कश्मीरियों के खिलाफ भी नाराजगी हो सकती है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और राज्यपाल मनोज सिन्हा से निवेदन है कि हस्तक्षेप करें और कम से कम उन्हें पर्याप्त समय दिया जाए। मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरंग निर्माण स्थल पर आतंकवादी हमला हुआ। इसमें एक डॉक्टर और 6 श्रमिकों की मौत हो गई। गुंड इलाके में सुरंग परियोजना पर कार्यरत मजदूर रविवार देर शाम जब अपने शिविर में लौटे, तब अज्ञात आतंकवादियों ने उनपर हमला कर दिया।
मुफ्ती बोलीं- सच्चाई को नहीं छिपा सकते
पीडीपी की नेता व महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने भी गांदरबल हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि चुनाव या अंतरराष्ट्रीय मैराथन जैसे बड़े आयोजन इस सच्चाई को नहीं छिपा सकते कि कश्मीर में एक ऐसी समस्या है जिसे हल करने के लिए वास्तविक प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, 'चुनाव, मैराथन या फिर नई सरकार का शपथ ग्रहण। इनमें से कोई भी चीज इस सच्चाई को नहीं छिपा सकते या फिर नजरअंदाज नहीं कर सकते, जो घिनौनी है।' इल्तिजा ने एक्स पर पोस्ट किया, 'कश्मीर में एक ऐसी समस्या है, जो दशकों से निर्दोष लोगों की जान ले रही है। यह तब तक जारी रहेगी जब तक हम इसे स्वीकार नहीं करते और इसे हल करने के लिए वास्तविक प्रयास नहीं करते।'