पुरी के राजा ने धमकी दी, ISKCON को रद्द करनी पड़ी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा; जानें वजह
- इस्कॉन को ह्यूस्टन में आगामी 9 नवंबर को होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा रद्द करनी पड़ी। दरअसल, पुरी के पूर्व राजा ने ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दी थी।
पुरी के पूर्व राजा द्वारा कानूनी कार्रवाई की धमकी देने के बाद इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) को ह्यूस्टन में अपनी प्रस्तावित रथ यात्रा रद्द करनी पड़ी। इस्कॉन के सूत्रों ने कहा कि 9 नवंबर को बोस्टन में होने वाली रथ यात्रा रद्द कर दी गई है क्योंकि संगठन भगवान जगन्नाथ के उड़िया भक्तों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता है। हालांकि, इस्कॉन ने कहा है कि वह संकीर्तन यात्रा का आयोजन करेगा।
इससे पहले मंगलवार को पुरी के पूर्व राजा गजपति दिब्यसिंघा देब ने ह्यूस्टन में 9 नवंबर को होने वाली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि नवंबर में रथ यात्रा जगन्नाथ संस्कृति का उल्लंघन है। उन्होंने कहा था, "बहुत हो गया। इस बार हम इसे नहीं छोड़ेंगे। उड़िया लोग बहुत धैर्यवान होते हैं। अगर ऐसी बात दूसरे धर्म में होती, तो बहुत बड़ी प्रतिक्रिया होती। हम त्योहार को रद्द करने के लिए इस्कॉन से संपर्क करेंगे।"
उन्होंने कहा, ''हम निकाय से जगन्नाथ संस्कृति का पालन करने और उसका सम्मान करने का अनुरोध करेंगे।''
उन्होंने कहा कि इस्कॉन 1967 से अपनी सुविधा के अनुसार भगवान जगन्नाथ के रथ यात्रा का आयोजन कर रहा है। हालांकि हमारे अनुरोध पर, उसने 2021 से भारत में रथ यात्रा के असामयिक उत्सव को रोक दिया, लेकिन उसने इसे देश के बाहर मनाना जारी रखा है। परंपरा के अनुसार, भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों की मूर्ति को वार्षिक स्नान यात्रा (भगवान जगन्नाथ की जयंती) और रथ यात्रा के अलावा मंदिर से बाहर नहीं ले जाया जाना चाहिए।