Hindi Newsदेश न्यूज़Is Owaisi getting closer to Congress Revanth Reddy praised him called him messiah of the poor

कांग्रेस के करीब आ रहे हैं ओवैसी? रेवंत रेड्डी ने तारीफ में पढ़े कसीदे, बताया गरीबों को मसीहा

  • आपको बता दें कि ओवैसी ने कई मौकों पर कांग्रेस की कड़ी आलोचना की है, खासकर मुस्लिम समुदाय से जुड़े मुद्दों पर। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आगे कहा कि देश में नफरत फैलाने की कोशिशों का मुकाबला करने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाने चाहिए।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानSun, 15 Sep 2024 07:32 AM
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तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने शनिवार को हैदराबाद के सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे राज्य के एकमात्र सांसद हैं जो संसद में लगातार गरीबों के लिए बोलते हैं। हैदराबाद में 'पैगंबर फॉर द वर्ल्ड' नामक पुस्तक के विमोचन समारोह में बोलते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि ओवैसी हाशिए पर पड़े समुदायों के कल्याण के लिए अथक काम कर रहे हैं। रेवंत रेड्डी ने उन्हें गरीबों की आवाज बताया।

रेवंत रेड्डी ने कहा, "जब उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ बात की, तब भी मुझे अच्छा लगा क्योंकि हमारा अपना भाई अपनी आवाज उठा रहा था। अगर कोई हमारे खिलाफ बोलता है, तो वह हमारा दुश्मन नहीं बन जाता। सरकार चलाने में कुछ गलतियां हो सकती हैं। उन गलतियों को सुधारने के लिए हमें एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है, चाहे वह राज्य में हो या देश में।"

आपको बता दें कि ओवैसी ने कई मौकों पर कांग्रेस की कड़ी आलोचना की है, खासकर मुस्लिम समुदाय से जुड़े मुद्दों पर। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आगे कहा कि देश में नफरत फैलाने की कोशिशों का मुकाबला करने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाने चाहिए।

रेवंत रेड्डी ने कहा कि पैगंबर मुहम्मद, गीता और बाइबिल की शिक्षाओं का सार देश और दुनिया में शांति सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा, "हमें उन लोगों को रोकने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए जो जहर फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। भारत हमारा देश है और इसकी सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। देश को बचाने के लिए कोई और नहीं आएगा। चुनाव जीतने की कोशिश करना गलत नहीं है, लेकिन हमें उन लोगों से सावधान रहना चाहिए जो जीतने के लिए जहर फैलाते हैं।"

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा में लोगों के लिए बोलने वालों की संख्या कम हो गई है, जबकि नफरत फैलाने वाले भाषणों में वृद्धि हुई है।

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